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भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा’ – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

जय जगन्नाथ!

कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल के श्री हरि बाबू, यहां के प्रमुख मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी जी, ओडिशा सरकार के मंत्री, सांसदगण, सहयोगीगण, उद्योग और व्यापार जगत के प्रमुख मित्र, देश और दुनिया के सलाहकार , और ओडिशा के मेरे प्यारे मित्र और देशवासी! 

जनवरी महीने में यानी 2025 की शुरुआत में ही ओडिशा का ये मेरा दूसरा दौरा है। कुछ दिन पहले ही मैं यहां प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का हिस्सा बना था। अब आज, यहां उत्कर्ष ओडिशा कॉन्टिनेंटल दावे में आपके बीच आया हूं। मुझे बताया गया कि ये ओडिशा में अब तक की सबसे बड़ी बिजनेस समिति है। पहले के कॉलेज 5-6 गुना ज्यादा जांचकर्ता इसमें पार्टिसिपेट कर रहे हैं। मैं ओडिशा के लोगों को, ओडिशा सरकार को, इस शानदार आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी का इसमें अभिनंदन है।

मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का अंतिम चरण बताता हूं। और ओडिशा की इसमें सबसे बड़ी भूमिका है। इतिहास साक्षी है, जब वैश्विक विकास में भारत की एक बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत का अहम योगदान था। पूर्वी भारत में बड़े औद्योगिक हब थे, बंदरगाह थे, व्यापारिक हब थे, ओडिशा में बड़े शेयर बाजार भी थे। ओडिशा, दक्षिण पूर्व एशिया में होने वाले व्यापार के प्रमुख केंद्र बने थे। यहां के प्राचीन बंदरगाह, एक प्रकार से भारत के द्वार बने हुए थे। आज भी ओडिशा में हर साल बाली यात्रा मनाई जाती है। अभी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जी आए थे, और वो यहां तक ​​बोल गए कि शायद मेरा डीएनए ओडिशा में है।

ये ओडिशा लीगेसी कोलिब्रेट करता है, जो ओडिशा को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ता है। अब 21वीं सदी में ओडिशा में, अपनी उस गौरवशाली विरासत को फिर से पुनर्जीवित करने में प्रकाशित किया गया है। हाल ही में, सिंगापुर के राष्ट्रपति ओडिशा गए हैं। सिंगापुर, ओडिशा के साथ को लेकर बहुत उत्सुकता है। एशियन ईस्टर्न ने भी ओडिशा के साथ व्यापार और व्यापार से जुड़े लोगों को व्यवसाय में शामिल करने की पेशकश की है। आज इस क्षेत्र में स्वामित्व के तीन दरवाजे खुल रहे हैं, आजादी के बाद पहले कभी खुले नहीं। मैं यहां उपस्थित हर जांचकर्ताओं का प्रश्न पूछता हूं, और हमारे मुख्यमंत्री जी ने जो बात कही, मैं दोहराना चाहता हूं- यही समय है, सही समय है। ओडिशा की इस विकास यात्रा में आपका निवेश, आपकी सफलता की नई नींव पर पहुंच जाएगा, और ये मोदी की नींव है।  

आज भारत विकास के ऐसे पथ पर चल रहा है, करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं चल रही हैं। एआई, एआई का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही है, इसकी चर्चा है, लेकिन भारत के लिए तो एआई सिर्फ नहीं, भारत की आकांक्षा हमारी ताकत है। और आकांक्षाएं तबदीली हैं, जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं। दशकों में देशवासियों को सशक्त बनाने का लाभ आज देश को दिख रहा है। ओडिशा भी इसी एस्पिरेशन को रिप्रजेंट करता है। ओडिशा, उत्कृष्ट है। ओडिशा, नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। ओडिशा में भी अवसर हैं, और यहां के लोगों ने हमेशा बेहतर प्रदर्शन करने का प्रदर्शन किया है। मैंने गुजरात में ओडिशा से आने वाले साथियों के कौशल, उनकी मेहनत, उनकी ईमानदारी को खुद अनुभव किया है। इसलिए आज जब ओडिशा में नए अवसर बन रहे हैं, तो मेरा पक्का विश्वास है, ओडिशा बहुत जल्द विकास के उस चरण पर पहुंच जाएगा, जहां पहुंचने की किसी ने कल्पना तक नहीं की है। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जी की पूरी टीम, ओडिशा के विकास को तेजी से गति देने में लगी है। खाद्य उद्योग, पेट्रोकेमिकल, पोर्ट एलईडी लैपटॉप, फिशरीज, आईटी, एडुटेक, टेक्सटाइल, टूरिज्म, माइनिंग, ग्रीन ऊर्जा ऐसे हर उद्योग ओडिशा, भारत के प्रमुख राज्यों में से एक बन रहे हैं।

भारत आज बेहद तेज गति से दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनोमी का पर्यवेक्षण भी अब ज्यादा दूर नहीं है। दशक के दशक में मैन्युफैक्चरिंग में भी भारत की ताकतें सामने आईं। अब भारत की अर्थव्यवस्था के विस्तार के दो बड़े स्तंभ हैं, एक- हमारा इनोवेटिव सर्विस सेक्टर और दूसरा- भारत के गुणवत्तापूर्ण उत्पाद। देश की तेज प्रगति केवल रॉ मैटेरियल का निर्यात संभव नहीं है। इसलिए हम पूरे इकोसिस्टम को बदल रहे हैं, नए विजन के साथ काम कर रहे हैं। यहां से निकले और फिर एक्सपोर्ट के दुनिया के किसी भी देश में क्षेत्र हो, वहां पर कोई नया उत्पाद न बना हो, और फिर वो उत्पाद भारत में वापस आ गए हों, ये ट्रेंड मोदी को नहीं सूझा। इस ट्रेंड को अब भारत बदल रहा है। यहां के समंदर से सी-फुड निकलता है और फिर दुनिया के किसी दूसरे देश में वो स्टॉक मार्केट बाजार में नजर आता है तो ये ट्रेंड भी भारत में बदल रहा है। ओडिशा में जो रिसोर्सेज हैं, वहां से जुड़े उद्योग भी देखने लगे हैं, इस दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। आज का ये उत्कर्ष ओडिशा कॉन्फिडेंस भी इसी विजन को साकार करने का एक माध्यम है।  

आज दुनिया सस्टेनेबल लाइफस्टाइल की बात कर रही है, ग्रीन फ्यूचर की तरफ बढ़ रही है। आज ग्रीन्स जॉब्स की छुट्टियां भी बहुत बढ़ रही हैं। हमें समय की साज़िश और दस्तावेज़ों के खाते से खुद को वापस लेना है, उसके खाते से ढीलाना है। इसी सोच के साथ ही भारत, ग्रीन फ्यूचर पर, ग्रीन टेक पर इतना फोकस कर रहा है। सूर्या हो, पवन हो, सिलिकॉन हो, हरा सूक्ष्म हो, ये विकसित भारत की ऊर्जा को शक्ति प्रदान करने वाले हैं। इसके लिए ओडिशा में बहुत सारी साड़ी बंद हैं। आज देश में हम राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन हाईड्रोजन मिशन और सौर ऊर्जा मिशन की शुरुआत कर चुके हैं। ओडिशा में भी रिन्यूएबल ऊर्जा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़े नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं, मूल ऊर्जा से जुड़े उद्योगों के लिए भी यहां काफी सारे कदम उठाए जा रहे हैं।

ऊर्जा के साथ-साथ ओडिशा में पेट्रो और पेट्रोकेमिकल सेक्टर के विस्तार के लिए भी पहल की जा रही है। पारादीप और गोपालपुर में, समर्पित औद्योगिक पार्क और निवेश क्षेत्र बन रहे हैं। इस सेक्टर में भी निरीक्षण के लिए बहुत अधिक रिकॉर्ड हैं। मैं ओडिशा सरकार को बधाई देता हूं कि ओडिशा के अलग-अलग रिजन की ताकत को देखते हुए, वो तेजी से निर्णय ले रही है, नया इकोसिस्टम विकसित कर रही है।

21वीं सदी के भारत के लिए इस दौर में, कनेक्टेड पिक्चर का है, मल्टी-मॉडल आर्किटेक्चर का है। जिस स्कैंडल पर, जिस स्पीड से भारत में आज विशेष आकार के ग्राफिक्स का निर्माण हो रहा है, वो भारत को शानदार मंजिल तक पहुंचा रहा है। पूर्व और पश्चिम के कोस्टलाइन से डेडिकेटेड फ्रेट स्कॉलरशिप जुड़ी हुई है। देश का एक बड़ा हिस्सा जो चारों तरफ से जमीन से घिरा हुआ था, अब भी समंदर तक तेज संपर्क मिलने लगी है। आज देश में ऐसे औद्योगिक उद्यमों का निर्माण किया जा रहा है, जो कॉम्प्लेक्स और प्ले फीचर्स से लैस होंगे। ओडिशा में भी ऐसी ही कंपनी को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां रेलवे और हाईवे नेटवर्क से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। ओडिशा में उद्योगों की लॉजिस्टिक्स लागत कम हो, इसके लिए सरकार यहां के बंदरगाहों को औद्योगिक समूहों से जोड़ रही है। यहां पुराने बंदरगाहों के विस्तार के साथ-साथ नए बंदरगाह भी बनाए जा रहे हैं। यानी ओडिशा, ब्लू इकोनोमी के मामले में भी देश के शीर्ष राज्यों में शामिल होने वाला है।

सरकार के इन प्रयासों के बीच, मेरा आप सभी से कुछ आग्रह है। आप तेजी से मजबूत दुनिया में ग्लोबल क्षत्रिय चेन से जुड़े हुए नज़ारे देख रहे हैं। भारत, बिखरी हुई शॉरिट चेन और आयात आधारित शॉरिट चेन पर बहुत अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता है। हमें भारत में ही एक ऐसी ही एक ऐसी ही फार्मासिस्ट और ब्रांड चेन बनी है, जिस पर ग्लोबल आउटस्टैंड- अपलोड का कम से कम असर पड़ा। ये सरकार के साथ-साथ उद्योग का भी बहुत बड़ा दायित्व है। इसलिए आप जो भी उद्योग में हैं, उनसे जुड़े एमएसएमई का समर्थन करें, उनका हाथ थामें। आप अधिक से अधिक युवा स्टार्टअप एप्स का भी समर्थन करें।

आज कोई भी इंडस्ट्री नई टेक्नोलॉजी के बिना नहीं बढ़ सकता। ऐसे में रिसर्च और इनोवेशन बहुत खोजा गया है। सरकार, देश में रिसर्च से एक बहुत ही जीवंत इकोसिस्टम बनाई जा रही है। इसके लिए एक स्पेशल फंड भी बनाया गया है। इंटर्नशिप और लैपटॉप के लिए एक विशेष लेबल घोषित किया गया है। इसमें भी इंडस्ट्रीज़ फ़्रांसीसी आगे आएं, सरकार के साथ मिलकर काम करें, ये सभी की चुनौती है। छोटा बड़ा और बेहतरीन भारत का रिसर्च इकोसिस्टम होगा, लॉटलैंड यंग पूल होगा, हमारी इंडस्ट्री को एसोसिएटेड फ़ायदा होगा। मैं संस्थान के सभी साथियों, ओडिशा सरकार से नमूने लेकर आया हूं कि आप सभी मिलकर यहां एक आधुनिक इकोसिस्टम का निर्माण करें। एक ऐसा इकोसिस्टम, जो ओडिशा की आकांक्षाओं के साथ चले, यहां के सपनों को नए उपकरण दे। ओडिशा के आदिवासियों को यहां पर ही नौकरियों के सबसे ज्यादा अवसर मिलेंगे, ओडिशा समृद्ध होगा, ओडिशा के आदिवासियों, ओडिशा का उत्कर्ष होगा।

आप सभी मछुआरों से मिलते हैं, बिहार के लोग मिलते हैं। आज दुनिया में भारत को देखना, समझने की उत्सुकता, आप चारों तरफ का अनुभव करते हैं। भारत को सुझाव दें कि ओडिशा एक उत्कृष्ट गंतव्य है। यहां हजारों सालों की हमारी विरासतें हैं, क्रॉनिकल्स हैं, आस्था-आध्यात्म, घने जंगल, पहाड़, समंदर, हर चीज के दर्शन एक ही जगह पर होते हैं। ये राज्य विकास और विरासत का अद्भुत नमूना है। इसी भाव के साथ ही, हम जी-20 के कलचर से जुड़े इवेंट ओडिशा में रखे थे। कोणार्क सन तेनपाल के चक्र में हमने जी-20 के मेन इवेंट का हिस्सा बनाया था। उत्कर्ष ओडिशा में ओडिशा के इस टूरिज्म पोटेंशियल को भी एक्सप्लोर करना है। यहां की 500 किमी से लंबी कोस्ट लाइन, 33 फीसदी से ज्यादा का फोरेस्ट कवर, इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म की अनंत, आपका इंतजार कर रही हैं। आज भारत का फोकस है- वेड इन इंडिया, आज भारत का मंत्र है- हील इन इंडिया, और इसके लिए ओडिशा का नेचर, यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बहुत मददगार है

आज भारत में कॉन्फ़्रेंस टूरिज्म का भी बहुत पोटेंशियल बन रहा है। दिल्ली में भारत पेट्रोलियम और यशोभूमि जैसे वेन्यू इसके बड़े केंद्र बन रहे हैं। भुवे में भी बहुत बढ़िया कन्वेंशन सेंटर का लाभ मिल सकता है। इसी से टूर एक और नया सेक्टर, कॉन्सर्ट इकोनॉमी का है। जिस देश में संगीत-नृत्य, स्टोरी टेलिंग की इतनी समृद्ध विरासत है, जहां कंज युवाओं का इतना बड़ा पूल है, जो संगीत समारोहों का बहुत बड़ा जमावड़ा है, वहां संगीत कार्यक्रम की अर्थव्यवस्था के लिए कई आकर्षण हैं। आप देख रहे हैं कि समुद्र तट पर 10 लाइव इवेंट का चलन और डिजायनर दोनों बिक रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में आपने मुंबई और कराची में ‘कोल्डप्ले कॉन्सर्ट’ की शानदार तस्वीरें देखीं। ये बात इस बात का प्रमाण है कि भारत में लाइव कॉन्सर्ट के लिए कितना स्कोप है। दुनिया के बड़े-बड़े कलाकार भी, बड़े-बड़े कलाकार भी, भारत की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। कॉन्सर्ट इकोनॉमी से टूर का दायरा बहुत बड़ा है और बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होती हैं। मेरा राज्य से, निजी क्षेत्र से अनुरोध है कि कंसर्ट इकोनॉमी के लिए शैक्षिक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करें, शैक्षिक प्रयोगशालाओं पर ध्यान केंद्रित करें। इवेंट इंजीनियर्स हो, आर्टिस्ट्स की ग्रूमिंग हो, आद्योपांत और दूसरे आर्टिस्ट्स हों, इन सभी में नए स्टॉक्स बन रही हैं।

अगले महीने ही भारत में पहली बार वर्ल्ड ऑडियो विजुअल समिट यानी वेव्स होने वाली है। ये भी एक बहुत बड़ा आयोजन होगा, ये भारत की रचनात्मक शक्ति को दुनिया में नई पहचान दिलाएगा। राज्य में इस तरह की घटनाओं से भी जो रेवेन्यू जनरेट होता है, जो परसेप्शन बनता है, वो भी इकोनोमी को आगे बढ़ाता है। और ओडिशा में भी इसके बहुत सारे स्थान हैं।

विकसित भारत के निर्माण में ओडिशा की सबसे बड़ी भूमिका है। ओडिशावासियों ने, समृद्ध ओडिशा के निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग मिल रहा है। ओडिशा के प्रति मेरा स्नेह आप सभी जानते हैं। प्रधानमंत्री के अनुसार मैंने यहां करीब-करीब 30 बार भुगतान किया है। आजादी से अब तक प्रधानमंत्री होंगे, वो सभी के साथ मिलकर एक बार आएंगे, मैं सबसे ज्यादा बार ओडिशा आया हूं, ये आपका प्यार है। यहां के अधिकांश कार्यक्रमों में भुगतान किया जाता है, मुझे ओडिशा के दृढ़ विश्वास पर भरोसा है, यहां के लोगों को भरोसा है। मेरा विश्वास है कि आप सभी सहयोगियों की समीक्षा, आपके व्यवसाय और ओडिशा के उत्कर्ष, दोनों को नए लक्ष्य मिलेंगे। मैं फिर एक बार इस भव्य आयोजन के लिए पूरे ओडिशावासियों को, यहां की सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं। और जो महानुभाव ओडिशा में ताकत को तलाश रहे हैं, मैं ओडिशा सरकार और भारत सरकार पूरी ताकत से आपके साथ खड़ा हूं। फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, बहुत-बहुत धन्यवाद!

एमजेपीएस/एसटी/आरके

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