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चौथी अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत यार्ड (3040) की कील बिछाने का कार्य

चौथे (पूर्व-जीआरएसई) अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत (एनजीओपीवी) यार्ड 3040 के लिए कील बिछाने का समारोह 24 अप्रैल 25 को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) में आयोजित किया गया।

इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन उपस्थित थे। जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर पीआर हरि (सेवानिवृत्त) के साथ भारतीय नौसेना और शिपयार्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

यह उपलब्धि एनजीओपीवी के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं को और अधिक प्रदर्शित करता है।

ग्यारह अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों (एनजीओपीवी) के स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के लिए अनुबंध 30 मार्च 23 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), गोवा और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के साथ संपन्न हुए, जिनमें से सात जहाजों का निर्माण लीड शिपयार्ड जीएसएल और चार जहाजों का निर्माण फॉलो शिपयार्ड जीआरएसई द्वारा किया जाएगा ।

लगभग 3000 टन के भार वाले एनजीओपीवी को तटीय रक्षा एवं निगरानी, ​​खोज एवं बचाव कार्यों, अपतटीय संपत्तियों की सुरक्षा और समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है । पोत की कील बिछाने का काम समग्र परियोजना समयरेखा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ग्यारह एनजीओपीवी का निर्माण राष्ट्र के ‘ आत्मनिर्भर भारत ‘ और ‘ मेक इन इंडिया ‘ के दृष्टिकोण के अनुरूप किया जा रहा है और ये भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

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