Lok Sabha Election 2024 मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। दरअसल भाजपा के मुहम्मदाबाद से तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के गैंगस्टर मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से अफजाल को सुनाई गई चार साल की सजा पर फैसला होना है। अगर फैसला पक्ष में आता है तो उनका सियासी सफर जारी रहेगा और अगर नहीं तो…
शिवानंद राय, गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के सियासी रण का फैसला तो 4 जून को आएगा, पर इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के राजनीतिक भाग्य के फैसले की तारीख 2 मई लगी है।
वर्ष 2002 के चुनाव में अफजाल को हराने वाले तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की 29 नवंबर, 2005 को बसनियां में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में संजीव जीवा, मुन्ना बजरंगी सहित साजिश में अंसारी बंधुओं पर भी केस दर्ज कराया गया था।
हत्याकांड में अंसारी बंधु बरी हो गए थे, लेकिन इसी केस को आधार बनाते हुए पुलिस ने वर्ष 2007 में अफजाल व मुख्तार पर गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज किया था। इस मामले में 29 अप्रैल 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल को चार व मुख्तार को 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद अफजाल जेल चले गए और संसद सदस्यता खत्म हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बहाल की सदस्यता
हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर छूटे अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई और अपना पक्ष रखा कि जब विधायक हत्याकांड में वह बरी हो चुके हैं, तो इसको आधार बनाकर गैंगस्टर के तहत लोअर कोर्ट का फैसला अस्वीकार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को अफजाल की सजा को सशर्त निलंबित कर दिया। सदस्यता बहाल कर दी।