आम आदमी पार्टी तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत खराब होने को लेकर लगातार दावे कर रही है. AAP का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों में उनका वजन 8 किलो तक गिर गया है और शुगर लेवल भी बहुत ज्यादा है. अब तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी सेहत को लेकर कुछ खुलासे किए हैं और AAP के आरोपों के बेबुनियाद बताया है. जेल प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक- केजरीवाल का वज़न साढ़े आठ किलो नहीं घटा है. 2 जून को दोबारा जेल आने पर उनका वज़न सिर्फ़ 2 किलो कम हुआ है. रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया है कि वे जानबूझकर अपने वज़न कम कर रहे हैं.
अक्सर घर का खाना भी लौटा देते हैं केजरीवाल
तिहाड़ प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक- 1 अप्रैल को पहली बार जेल आने पर वज़न 65 किलो था. 9 मई को जेल से निकले उस दिन वजन 65 किलो था. 2 जून को दोबारा जेल आने पर वज़न 63.5 किलो था. 14 जुलाई को केजरीवाल का वजन 61.5 किलो था. 2 जून से 14 जुलाई के बीच 2 किलो वज़न कम हुआ . केजरीवाल जानबूझकर अपना वज़न कम कर रहे हैं. अक्सर अपने घर का खाना लौटा देते हैं . पहले जानबूझकर ऐसा खाना खाते थे जिससे शूगर बढ़े. केजरीवाल की सेहत पर AIIMS मेडिकल बोर्ड निगरानी रख रहा है. अरविंद केजरीवाल की पत्नी भी लगातार मेडिकल बोर्ड के संपर्क में है. AAP द्वारा झूठी ख़बर गढ़ी और फैलाई जा रही है. इस बारे में गृह मंत्रालय, GNCTD को जानकारी दी गई है.
तिहाड़ ने माना वजन कम हुआ : आप
तिहाड़ जेल की मेडिकल रिपोर्ट पर AAP का जवाब भी सामने आया है. संजय सिंह ने कहा कि तिहाड़ जेल ने माना है कई बार शुगर लेवल कम हुआ है. शुगर लेवल कम होने पर नींद में कोमा में जा सकते हैं. शुगर लेवल कम होने पर ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा भी हो सकता है. फिर इस रिपोर्ट में भी माना जा गया है कि वजन कम हुआ.
आतिशी ने भी उठाई थी ये मांग
बता दें कि दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मधुमेह से पीड़ित केजरीवाल का शुगर लेवल खतरनाक रूप से कम हो गया है.बीजेपी ने केजरीवाल को फर्जी मामले में जेल में डालने की साजिश रची. उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है. उनका वजन 8.5 किलोग्राम कम हो गया है और सोते समय उनका शुगर स्तर पांच बार 50 से नीचे चला गया. यह विशेष रूप से मधुमेह रोगी के लिए चिंताजनक स्थिति है. उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल को स्ट्रोक आता है, अगर उनके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है या उन्हें स्थायी क्षति पहुंचती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? ‘