केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में देश में नीतियों के तौर पर कंसिस्टेंसी और कंटिन्यूटी को रखा है. काम की वजह से तीसरी बार सरकार बनाने का मौका भाजपा को मिला है.
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी के लिए आज का दिन बेहद खास है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और इसके साथ ही ‘मोदी 3.0’ के आज 100 दिन (Modi 100 Days On NDTV) हो गए हैं. इस अवसर पर NDTV से एक खास मुलाकात में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में देश में नीतियों के तौर पर कंसिस्टेंसी और कंटिन्यूटी को रखा है. काम की वजह से तीसरी बार सरकार बनाने का मौका भाजपा को मिला है. हम विकास के तीसरे पायदान की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में विपक्ष का 2029 के बाद भी चांस नहीं मिलने वाला है. वैसे भी राहुल गांधी के बयान से विपक्ष के आरक्षण पर फेक नेरेटिव की पोल खुल गई है.
इसलिए तीसरी बार सरकार बनाने का मौका दिया
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में लगातार काम किया है. वह बिना थके काम करते रहते हैं. इन 10 सालों में नीतियों में निरंतरता नजर आई है. इस काम की वजह से ही देश की जनता ने तीसरी बार सरकार बनाने का मौका दिया है. मोदी सरकार ने सत्ता में आने से हपले ही 100 दिन का रोडमैप तैयार कर लिया था. ये जो 100 दिन का रोडमैप में है, वो 2047 के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए है.’
पीएम मोदी का काम करने का तरीका इससे बिल्कुल अलग
भूपेंद्र यादव ने बताया, ‘पीएम मोदी ने बेहतर गवर्नेंस का मानक स्थापित किया गया है. इससे पहले कई बार ऐसा देखने को मिला है कि कई राज्यों में सरकारें एंटी इनकंबेंसी के कारण सरकारें चली जाती थीं. ऐसा इसलिए होता है कि हम वादों को पूरा करने के लिए दृढ संकल्प नहीं करते हैं. हमारी प्राथमिकताएं बदलती रहती हैं. पीएम मोदी का काम करने का तरीका इससे बिल्कुल अलग है. वह प्रोगवर्नेंस की ओर वोट लेने जाते हैं. जब आप प्रोगवर्नेंस की ओर वोट लेने जाते हो, अपने इरादों को साफगोई से जनता के सामने रखते हैं, तो जनता समझती है.’
‘…तब देश में ‘ईज ऑफ गवर्नेंस’ के विषयों को लेकर अनईजी नेस थी’
क्या ये मान कर के चला जाए कि जो 2014 में नीतियां थीं, जिनको लेकर पीएम मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, पिछले 10 साल में जिनका पालन किया गया, अगले पांच साल भी वही नीतियां चलेंगी यानी नीतियों में भी सतता निरंतरता बनी रहेगी? इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विकास के आयामों के लक्ष्य जैसे-जैसे विकास आगे बढ़ते हैं, आगे बढ़ते चले जाते हैं. जब पीएम मोदी सरकार में आए, तो देश में ‘ईज ऑफ गवर्नेंस’ के विषयों को लेकर के एक अनईजी नेस थी. कारण यह था कि मनमोहन सिंह की सरकार पर उस समय अनेक भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. सरकार के अनेक मंत्री जेल जा रहे थे, उनका गठबंधन टूट गया था. तब जनता ने देखा था कि देश लगातार एक निराशा के दौर में था. ऐसे में सहूलियत के साथ नए, रिफॉर्म्स के साथ पॉलिसी रिफॉर्म्स के साथ देश को आगे बढ़ा जाए, ये प्राथमिकता थी. उसके साथ ही साथ टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफॉर्मेशन किया जाए. टेक्नोलॉजिकल ट्रांसफॉर्मेशन का अर्थ है कि गवर्नेंस में जो एक्सेस ऑफ गवर्नमेंट है, जो इकोनॉमिक एंपावरमेंट है उसको हम कैसे टेक्नोलॉजिकल माध्यम से आगे बढ़ा सकते हैं? आपने देखा है कि सरकार ने इसी साल 10 साल जनधन के पूरे होने के मनाए हैं, तो जनधन, आधार और मोबाइल जो जैम का जो एक त्रिवेणी थी, उस त्रिवेणी के माध्यम से अब जब आगे बढ़ा और उसके बाद देश में अनेक नए कार्य और अनेक नए विषयों को आगे लेकर के निरंतरता के साथ आगे बढ़ा, उसके परिणाम नजर आ रहे हैं.’
मोदी 3.0 के मायने
मोदी 3.0 के मायने क्या हैं… केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव कहते हैं, ‘देश में आधारभूत संरचना की दृष्टि से स्वच्छता के मामले में, आवास के मामले में, सड़कों के मामले में, हम आगे की ओर बड़े हैं, तो इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ओर जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में जब सड़क सुविधा ओडीएफ हुआ है, तब ग्रामीण महिलाओं के लिए लखपति दीदी बनाने का काम हुआ है. मध्यम वर्ग जब सक्षम हुआ है, तो उनको रियायतें दी जा रही हैं. ऐसे ही उद्योग जगत में कॉर्पोरेट टैक्स में रिलीफ देने का बात किया जा रहा है. अब जब युवा स्किल में आगे बढ़ने लगे, तो उनके एंटरप्रेन्योर है. ये उसके पर्सपेक्टिव के ग्रोथ की और है… उसके थर्ड और फोर्थ स्टेप के लिए आगे जा रहे हैं. मोदी 3.0 का अर्थ है कि हम विकास के तीसरे और बड़े पायदान की ओर जा रहे हैं, जिसमें भारत समानता के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए विकास की ऊंचाइयों को छूने जा रहा है.’
दबाव में नहीं बदला गया कोई फैसला
भूपेंद्र यादव, मोदी सरकार के साथ बहुत करीब से जुड़े हैं. वह पिछली और अब की सरकार में क्या कोई अंतर पाते हैं? पिछली बार अपने बूते बहुमत था, इस बार बहुमत अपने बूते नहीं है. ऐसे में कोई दबाव महसूस करते है, अगर पिछले 100 दिन को पीछे मुड़ करके देखें… कुछ फैसले क्या दबाव के चलते बदले, ऐसा कोई संदेश जा रहा है? उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई संदेश नहीं है. कोई फैसले दवाब के अंतर्गत बदले नहीं गए. फैसलों में सतता और निरंतरता जारी है. देखिए, लोकतंत्र की तो यह खूबसूरती होती है कि जनता जैसा आदेश दे, उसको लेकर चला जाता है. जनादेश हमको सरकार बना कर पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ने का दिया है, तो उस जनादेश में हम आगे कार्य कर रहे हैं. एकदम उत्साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने आरक्षण को लेकर फेक नेरेटिव तैयार किया. राहुल गांधी के बयान से फेक नेरेटिव की पोल खुल गई है. राहुल गांधी ने यहां कुछ और कहा, वहीं विदेश में कुछ और कहा.