बरेली: भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकेट के तत्वाधान में तीन गांव के किसानों ने दिनांक 1 अक्टूबर 2024 को बरेली कलेक्ट्रेट का घेराव किया। आपको बता दें रामपुर रोड से बंजरिया रेलवे फाटक तक रोड डलवाने की मांग को लेकर किसान धरना पर बैठे हुए हैं। प्रशासन द्वारा सुनवाई न होने पर भारी संख्या में किसानों ने कलेक्ट्रेट बरेली का घेराव किया वह किसान कलेक्ट्रेट पर ही बैठ गए किसान अपनी पूरी तैयारी के साथ आए थे वह अपने साथ ट्रैक्टर ट्राली पर खाने-पीने का राशन गैस चूल्हा सब साथ में लाए थे।
भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकेट के बरेली जिला अध्यक्ष ने बताया सभी किसान परसाखेड़ा बंजरिया गरगईया उर्फ गोकिलपुर व ललपुरा व परसाखेड़ा गौटिया के जन्मजात निवासी है। सभी ग्रामवासी दिनांक 12.09.2024 से अपनी माँग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। इससे पूर्व भी ग्रामवासियों द्वारा दिसम्बर 2023 में नगर निगम बरेली में धरना दिया था उस धरने में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया था कि आपकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द कराया जायेगा लेकिन पूर्व पार्षद सुखदीप कश्यप ने नगर निगम के अधिकारियों को भ्रमित करके तथा अपनी राजनीतिक पहुँच के बल पर एक नये रास्ते की कार्यवाही शुरू करा दी उस रास्ते के बनने से हम ग्रामवासियों का कोई लाभ नहीं होगा और कुछ चन्द निजी व्यक्तियों तथा सुखदीप कश्यप पूर्व पार्षद का व्यक्तिगत फायदा होगा क्योंकि सुखवीर कश्यप यहाँ पर अपनी फैक्ट्री चला रहा है। नये रास्ते को कायम करने के रेलवे से भी एन०ओ०सी० लेनी पड़ेगी यह रास्ता जंगल में बनेगा जिससे हमारी माँ-बहनों की इज्जत व जान-माल का खतरा पैदा हो जायेगा और पास में शंखा नदी होने के कारण जल भराव की भी समस्या रहेगी। नया रास्ता की दूरी लगभग 01 किमी० होगी तथा पुराने रास्ते की दूरी लगभग 300 मीटर होगी।
पुराने रास्ते में रेलवे फाटक के पार डागर रोड पड़ी हुई है तथा सभी ग्रामों को जोड़ रही है। हम ग्रामवासी परसाखेड़ा बंजरिया फाटक से होकर रामपुर रोड पर लगभग 70 वर्षों से पहुँच रहे हैं व निकल रहे हैं। इस रास्ते को बनाने में नये रास्ते के मुकाबले नगर निगम या शासन की लागत भी कम आयेगी। पुराना रास्ता कायम करने में एक ही किसान की भूमि जा रही है और यो किसान अपनी सहमति से भूमि देने को तैयार है उसकी भूमि का अधिग्रहण करके विधिक प्रक्रिया के तहत मुआवजा दिलाकर रास्ता कायम किया जाये और हमारी समस्या का समाधान किया जाये।
किसने की समस्या को सुनने के बाद जिलाधिकारी बरेली की तरफ से 7 दिन का समय मिलने के बाद वह मृतक किसान को मुआवजे की गारंटी मिलने पर सभी किसान विरोध प्रदर्शन के बाद वापस हो गए।