Uttarakhand Forest Fire जंगल की आग ने अब दूनागिरी पर्वत श्रृंखला के बहुपयोगी जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है। ग्रामीणों के अनुसार करीब 10 दिनों से जल रहे जंगलों में अकूत वन संपदा तो जलकर राख हो ही चुकी। साथ ही पानी के स्रोतों पर भी गंभीर संकट आ चुका है। चौखुटिया क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थम नहीं रही हैं।
संस, जागरण l रानीखेत/द्वाराहाट : Uttarakhand Forest Fire: उपमंडल के अधिकांश जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं। अकूत वन संपदा के साथ जैव विविधता भी प्रभावित हुई है। जंगल की आग ने अब दूनागिरी पर्वत श्रृंखला के बहुपयोगी जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है।
वहीं रानीखेत के निकटवर्ती क्षेत्रों में भी दावानल बेकाबू होते जा रही है। वनाग्नि ने रानीखेत के निकटवर्ती भड़गांव क्षेत्र के जंगलों को स्वाहा कर दिया है। उधर द्वाराहाट के बजोड़, भक्तोला, मेहलखाई, जाबर आदि जंगलों को खाक कर आग दूनागिरी मंदिर के समीपवर्ती जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है। जंगल की आग हवा के तेज झोंकों के साथ आगर, नट्टागुल्ली की ओर बढ़ रही है।
Uttarakhand Forest Fire: अब आग ने दूनागिरि पर्वत श्रृंखला में मचाई तबाही, अकूत वन संपदा नष्ट; पेयजल स्रोत प्रभावित
Uttarakhand Forest Fire जंगल की आग ने अब दूनागिरी पर्वत श्रृंखला के बहुपयोगी जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है। ग्रामीणों के अनुसार करीब 10 दिनों से जल रहे जंगलों में अकूत वन संपदा तो जलकर राख हो ही चुकी। साथ ही पानी के स्रोतों पर भी गंभीर संकट आ चुका है। चौखुटिया क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थम नहीं रही हैं।
HIGHLIGHTS
- जन प्रतिनिधियों ने विभाग पर लगाया महज खानापूरी करने का आरोप
संस, जागरण l रानीखेत/द्वाराहाट : Uttarakhand Forest Fire: उपमंडल के अधिकांश जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं। अकूत वन संपदा के साथ जैव विविधता भी प्रभावित हुई है। जंगल की आग ने अब दूनागिरी पर्वत श्रृंखला के बहुपयोगी जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है।
वहीं रानीखेत के निकटवर्ती क्षेत्रों में भी दावानल बेकाबू होते जा रही है। वनाग्नि ने रानीखेत के निकटवर्ती भड़गांव क्षेत्र के जंगलों को स्वाहा कर दिया है। उधर द्वाराहाट के बजोड़, भक्तोला, मेहलखाई, जाबर आदि जंगलों को खाक कर आग दूनागिरी मंदिर के समीपवर्ती जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है। जंगल की आग हवा के तेज झोंकों के साथ आगर, नट्टागुल्ली की ओर बढ़ रही है।
10 दिनों से जल रहे जंगल
ग्रामीणों के अनुसार करीब 10 दिनों से जल रहे जंगलों में अकूत वन संपदा तो जलकर राख हो ही चुकी। साथ ही पानी के स्रोतों पर भी गंभीर संकट आ चुका है। धधकते जंगलों को बचाने के नाकाफी प्रयासों पर ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ रोष है। जिला पंचायत सदस्य लता रौतेला ने विभाग पर आग बुझाने के नाम पर महज खानापूर्ति करने का आरोप लगाया।
इधर विभाग की मानें तो ग्रामीणों की लापरवाही के कारण आग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। दूनागिरी क्षेत्र के जंगलों में आग केदारनाथ डिविजन के नोवा रेंज से आई है।
आग पर काबू पाने के लिए जाबर क्षेत्र में 10 लोगों लोगों की टीम भेजी गई है। खुद भी दूसरे क्षेत्र में मौजूद हूं। कई नर्सरियां बनाने वाला भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत कोई सहयोग नहीं कर रहा।
– मदन लाल, वन राजि अधिकारी चंथरिया रेंज