वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी टीम के बुरे हश्र की ये हैं वजहें
जो आज तक नहीं हुआ था, कल रात वो भी हो गया. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम विश्व कप में लगातार चार मैच हार गई और अब बाबर आज़म की टीम के लिए सेमीफ़ाइनल तक पहुँचना बेहद मुश्किल हो गया है. केशव महाराज के चौके से पाकिस्तान की उम्मीदें लगभग दफ़्न हो गईं.
पाकिस्तान क्रिकेट टीम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक समृद्ध इतिहास रहा है.
इमरान ख़ान की कप्तानी में 1992 में पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप और 2009 में यूनुस खान के नेतृत्व में टी-20 विश्व कप जीता था. मौजूदा टीम उन टीमों की परछाई भी नहीं है.
जीत के लिए एक विकेट नहीं ले पाए
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में क़रीब 30 हज़ार दर्शकों के सामने पाकिस्तान की टीम 46.4 ओवर में ऑल आउट हो गई.
दक्षिण अफ्रीका के लिए तबरेज़ शम्सी ने चार विकेट लिए. 271 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही दक्षिण अफ़्रीका की टीम ने पहले 20 ओवर में तीन महत्वपूर्ण विकेट गँवा दिए.
मगर पाकिस्तान के गेंदबाज़ दबाव को बढ़ा नहीं पाए और ऐसा टूर्नामेंट में पहली बार नहीं हुआ.
एडन मार्करम ने मुश्किल हालात में 93 गेंद पर 91 रन बनाकर मैच पाकिस्तान की झोली से छीन लिया. आख़िर में पाकिस्तानी गेंदबाज़ों ने फिर उम्मीद बनाई.
46वें ओवर में हारिस रऊफ़ ने लुंगी एनगिडी को आउट किया तो स्कोर हो गया 9 विकेट पर 260 रन. दक्षिण अफ़्रीका को जीत के लिए 11 रन चाहिए थे जबकि पाकिस्तान को सिर्फ़ एक विकेट लेना थी. उसी ओवर में तबरेज़ शम्सी को अंपायर्स कॉल ने बचा लिया.
नौवाँ विकेट हासिल करने के बाद पाकिस्तान के गेंदबाज़ों ने 13 गेंद डाली मगर एक विकेट नहीं ले पाए. केशव महाराज के चौके से 16 गेंद रहते प्रोटियाज़ एक विकेट से मैच जीत गए और चोकर्स के टैग को उतार फेंका.
लगातार पाँच मैच जीत कर दक्षिण अफ़्रीका सेमीफ़ाइनल के क़रीब है वहीं पाकिस्तान बाहर होने को.