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उसे मार दो मैं अपनी जमीन दे दूंगा…; मणिपुर बीजेपी प्रवक्ता को जान से मारने की धमकी

एफआईआर में हाओकिप ने अपनी संपत्ति और परिवार पर हमले के लिए “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से” 15 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने दो लोगों के नाम भी बताए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों से उन्हें मारने के लिए कहा था.

इम्फाल:

मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और थाडौ समुदाय के नेता माइकल लामजाथांग हाओकिप के घर पर हाल ही में हमला किया गया था. चुराचांदपुर में दो दर्जन लोगों पर उनके घर के एक हिस्से को जलाने और हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगा है. इस हमले के बाद पुलिस में अब उन्होंने मामला दर्ज कराया है. हमलावरों में कुछ हथियारबंद भी शामिल थे. एफआईआर में हाओकिप ने अपनी संपत्ति और परिवार पर हमले के लिए “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से” 15 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने दो लोगों के नाम भी बताए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों से उन्हें मारने के लिए कहा था.

बीजेपी प्रवक्ता ने एफआईआर में क्या बताया

इनमें से एक ने बीजेपी प्रवक्ता की हत्या करने वाले को “गांव की जमीन” देने का वादा किया था. माइकल ने एफआईआर में कहा, “… फर्जी थाडौ जनजाति परिषद (टीटीसी-जीएचक्यू) के नेताओं और कार्यकर्ताओं की संलिप्तता का संदेह है, जिन्होंने हिंसक बयानबाजी और भड़काऊ बयान दिए हैं.” उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप के स्क्रीनशॉट के प्रिंटआउट भी साझा किए, जिसमें उन्हें मारने का जिक्र हो रहा है. हाओकिप ने एनडीटीवी को बताया कि पुलिस और साइबर सेल फोन नंबरों की जांच करेंगे और यदि आवश्यक हो तो केंद्रीय आतंकवाद विरोधी साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद लेंगे.

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लमजाथांग को मारने पर किया जमीन देने का वादा

हालांकि उन्होंने आगे कोई विवरण देने से इनकार कर दिया. एफआईआर से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप चैट के कथित स्क्रीनशॉट में, सदस्यों में से एक ने लिखा था, “एसए (अलग प्रशासन) पहले एलजेटी (लमजाथांग) को मारे बिना स्वीकार्य नहीं होगा, भले ही केंद्र सरकार हमें देने को तैयार हो.” एक अन्य सदस्य ने लिखा, “मैं वादा करता हूं कि अगर कोई लमजाथांग को मारता है तो मैं अपने गांव की जमीन दे दूंगा.” एनडीटीवी ने एफआईआर की एक कापी देखी है, जिसमें व्हाट्सएप ग्रुप में कुछ फोन नंबर भी मिले हैं

हाओकिप ने कहा कि मणिपुर में जातीय तनाव के बीच अपने जनजाति थाडौ को कुकी जनजाति के रूप में गलत तरीके से संदर्भित किए जाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के परिणामस्वरूप हमले और धमकियां मिलीं. उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार था जब चुराचांदपुर में उनके घर पर हमला किया गया, कथित तौर पर उन लोगों द्वारा जो थाडौ जनजाति की विशिष्ट पहचान को स्वीकार नहीं करते हैं.

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वीडियो जारी कर दी धमकी

बीजेपी प्रवक्ता और थाडौ नेता को जान से मारने की धमकी देने वाले एक नए वीडियो के सोशल मीडिया पर साझा किए जाने के एक दिन बाद पुलिस मामला दर्ज किया गया. वीडियो में कुछ लोग हाथ में हथियार लिए नकाब पहने नजर आ रहे हैं. जिसमें से बीच में खड़े शख्स ने कहा, “लामजाथांग, अगर तुम एक बार फिर समुदाय के खिलाफ बोलोगे या समुदाय को बदनाम करोगे, तो हम तुम्हें मार देंगे चाहे तुम गुवाहाटी में हो या दिल्ली में… मेइतेई लोग थाडौ, कुकी या ज़ोमी में अंतर नहीं करते.”

चुराचांदपुर के एक रिटायर हो चुके पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ये चारों व्यक्ति गांव के रक्षा स्वयंसेवक नहीं हो सकते, जो आमतौर पर लाइसेंसी एक बैरल और छोटे कैलिबर वाली पिस्तौल रखते हैं. साथ ही कहा, “वे केवल विद्रोही हो सकते हैं, और इस खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि वे खुलेआम दावा कर रहे हैं कि वे देश में कहीं भी किसी नागरिक को मार सकते हैं. यह पहली बार नहीं होगा जब मणिपुर के किसी व्यक्ति को राज्य से बाहर रहते हुए भी जान का खतरा हो.”

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NDTV इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर रहा है. वहीं थाडौ जनजाति के कुछ सदस्यों ने कहा कि वीडियो और उसमें सुनाई देने वाली बोली असली है, जो कि उनके अपने जानने वालों ने उन्हें चुराचांदपुर में बताया है. TTC-GHQ, जिसके बारे में हाओकिप ने आरोप लगाया है कि यह एक “नकली” संगठन है, इसमें छह सलाहकार और 10 कार्यकारी सदस्य हैं. TTC ने उन्हें “परिषद” का सदस्य बनाने से पहले उनमें से चार की सहमति नहीं ली. चारों ने लिखित में दिया है कि उन्हें TTC की सदस्यता के बारे में पता नहीं था. उन्होंने हमलों के डर से नाम न बताने का अनुरोध किया.

टीटीसी ने अपने बयान में क्या कहा

टीटीसी के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नंबरों पर कॉल का कोई जवाब नहीं मिला. टीटीसी हाओकिप की थाडौ जनजाति के कुकी का हिस्सा न होने संबंधी टिप्पणियों की निंदा कर रहा है. टीटीसी ने एक बयान में कहा है कि यह मुख्यधारा का थाडौ निकाय है और कुकी इंपी मणिपुर से संबद्ध है. टीटीसी ने 21 जुलाई को एक बयान में कहा था, “… अगर वे भविष्य में फिर से थाडौ का दुरुपयोग करना जारी रखते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी.” 20 अगस्त को अपने हालिया बयान में, टीटीसी ने थाडौ कम्युनिटी इंटरनेशनल (टीसीआई) नामक एक नए थाडौ निकाय की आलोचना करते हुए कहा कि यह वास्तविक नहीं है और कुछ लोगों द्वारा “मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ सहयोग करने” के लिए बनाया गया है.

मणिपुर सीएम ने की हमले की निंदा

हाओकिप टीसीआई के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं, एक समूह जो समुदाय के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों, विशेष रूप से मणिपुर में, पर विचार करने के लिए एक वैश्विक थाडौ जनजाति मंच होने का दावा करता है. रविवार रात हाओकिप के घर पर हुए हमले में कोई घायल नहीं हुआ. हाओकिप ने कहा कि मणिपुर में हिंसा से विस्थापित हुए चार परिवार भी उनके पारिवारिक भूखंड पर चार छोटी-छोटी इमारतों में रहते हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और अन्य नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. सीएम ने एक्स पर कहा,”…मैं मानता हूं कि हमारी मान्यता प्राप्त जनजातियों में से एक को व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचाया जाना राज्य की एकता और अखंडता के लिए सीधी चुनौती है. मणिपुर की मान्यता प्राप्त जनजातियों के किसी विशेष समुदाय पर हमले, साथ ही भाजपा प्रवक्ता के परिवार पर हमले की कड़ी निंदा की जाती है. हम दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे.”

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