बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस दारोगा बहाली परीक्षा में ट्रांसजेंडर्स के लिए पांच सीट आरक्षित थीं, लेकिन आख़िर में चयन मात्र तीन लोगों का हो पाया. बिहार देश के उन गिने-चुने राज्यों में से एक हैं, जहां पुलिस बहाली में ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित पद हैं.
ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित पद
हालांकि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस दारोगा बहाली परीक्षा में ट्रांसजेंडर्स के लिए पांच सीट आरक्षित थीं, लेकिन आख़िर में चयन मात्र तीन लोगों का हो पाया. बिहार देश के उन गिने-चुने राज्यों में से एक हैं, जहां पुलिस बहाली में ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित पद हैं. हालांकि, इसके पीछे इस समुदाय के लोगों को काफ़ी लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी है. तब जाकर उन्हें ये हक मिल पाया है. सरकार अब ट्रांसजेंडर्स को सर्टिफिकेट भी देने लगी है, जिससे उनको समाज में सिर उठाकर आत्मविश्वास के साथ जीने का हौसला मिला है.
वीरा यादव बनाम बिहार सरकार केस
पटना हाई कोर्ट द्वारा वीरा यादव बनाम बिहार सरकार के मामले में जब राज्य सरकार को स्थिति साफ़ करने के लिए बोला गया था. तब राज्य सरकार ने हर पांच सौ पद में एक ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित करने का शपथ पत्र दिया था. उसके बाद मद्य निषेध विभाग में क़रीब 700 लोगों को बहाली हुई, जिसमें पहली बार गुड़िया कुमारी इस वर्ग के लिए आरक्षित पद पर चुनी गयी थी.