हल्द्वानी – उत्तराखंड के जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में उस समय हिंसा भड़क उठी जब नगर निगम और पुलिस फोर्स बनभूलपुरा इलाके में मस्जिद और मदरसे पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची। बुलडोजर एक्शन से भीड़ इस कदर उग्र हुईं की देखते ही देखते पूरा इलाका हिस्सा की आग में जल उठा। हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में बृहस्पतिवार को नगर निगम ने एक मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर चलवाकर उसे ध्वस्त करना था। नगर निगम के इस एक्शन को संदेह की नजर से देखता जा रहा था।अब सवाल उठता है कि जिस मदरसे और मस्जिद को नगर निगम ने जेसीबी मशीन से ध्वस्त किया,वो वैध थी या अवैध? आखिरकार इस बुलडोजर एक्शन से पहले उच्च न्यायालय ने इस मामले क्या कहा?
प्रशासन की नजर में क्या थी मस्जिद
दरअसल जिस मस्जिद पर ध्वस्तीकरण कारवाई होनी थी, वो न केवल अवैध हैं बल्कि उसे प्रशासन ने पहले ही सील कर रखा है। इस बात की पुष्टि नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने की है, उनकी मानें तो ध्वस्त किया गया मदरसा और मस्जिद पूरी तरह से अवैध थी, नगर आयुक्त के बकौल इस मस्जिद और मदरसे के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में कब्जा ले लिया था और मदरसे और नमाज स्थल मसलन मस्जिद को सील कर दिया गया था, अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत उसे बृहस्पतिवार को ध्वस्त किया गया।
कोर्ट ने क्या हुआ था मदरसे और मस्जिद को लेकर
हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में इस मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन से पहले हाईकोर्ट की चौखट पर दस्तक दी गई थी, उत्तराखंड हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को बनभूलपुरा में मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त किए जाने से रोक लगाने की माग की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी, मलिक कालोनी निवासी साबिया मलिक और अन्य ने यह याचिका दायर की थी, दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई थी, मगर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा कोई राहत नहीं दी गई,जब हाईकोर्ट ने मस्जिद मदरसे पर नगर निगम की ओर से विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई, हालांकि इसी याचिका पर अब अग्ली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
भीड़ किस तरह हुई हिंसक
जैसे ही हल्द्वानी नगर निगम ने गुरुवार को बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र के मलिक का बगीचा में बने मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलना किया, स्थानीय लोग भड़क उठे, इस एक्शन के दौरान नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय,एस डी एम परितोष वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे , जैसे ही मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त किया जाना शुरू किया गया भारी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय लोग नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करने देखते ही देखते सैकड़ों की भीड सड़कों पर उतर आई, मदरसे और मस्जिद को ध्वस्त करने की कार्रवाई से भीड़ ने पुलिस कर्मियों नगर निगम कर्मचारियों और मीडिया कार्मिकों पर पथराव किया जिसमें करीब 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
इस वक्त क्या है स्थिति
इस सब घटनाक्रम के बाद पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति हो गई है।इस हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, घायलों में सबसे ज्यादा पुलिस वाले हैं। हल्द्वानी में बिगड़ते हालातों को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है।भरी संख्या में शहर में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया, वहीं हिंसा भड़कने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
सीसीटीवी फुटेज से की जा रही हिंसक प्रदर्शन करने वाले लोगों की पहचान
नैनीताल की जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हिंसक प्रदर्शन करने वाले लोगों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है। उपद्रवियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई, डीएम और एसएसपी का कहना है कि इस हिंसा को एक साज़िश के तहत भड़काया गया है, हिसा भड़कने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, डीएम वंदना सिंह ने कहा कि नोटिस दिए जाने के दौरान वहां पत्थर नहीं थे, लेकिन ध्वस्तीकरण के दौरान स्थानीय लोगों ने भारी संख्या में पत्थर जमा कर रखें थे, उन्होंने कहा कि हिंसा भड़कने की साज़िश पहले से ही रची गई थी।
मुख्यमंत्री ने हिंसा भड़कने वाले लोगों पर सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में हिंसा भड़कने वाले तत्वों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं, उन्होंने कहा कि हिंसा भड़कने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, पुलिस और प्रशासन उनसे सख्ती से निपटने की कार्रवाई करें, वहीं उन्होंने आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।
एम सलीम खान की रिपोर्ट