केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज उधमपुर जिले में रामनगर से रामवेल तक सड़क परियोजना की आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि 2.96 करोड़ रुपये की लागत वाली महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजना लंबे समय से मुकदमेबाजी में फंसी हुई थी। लेकिन, उनके व्यक्तिगत प्रयासों से मुकदमा सुलझ गया और सड़क का शिलान्यास हुआ।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहाड़ी जिले उधमपुर के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क सुनिश्चित किया गया है। डॉ. सिंह ने याद दिलाया कि पीएमजीएसवाई तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के तहत शुरू हुई थी, लेकिन अगले 15 वर्षों में 2014 तक, देश में निर्मित पीएमजीएसवाई सड़कों की कुल लंबाई लगभग 3.7 लाख किलोमीटर थी, जबकि पिछले साढ़े नौ वर्षों में -प्रधानमंत्री मोदी के आधे साल में कुल लंबाई दोगुनी होकर 8 लाख किलोमीटर से अधिक हो गई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, उधमपुर देश के सभी जिलों में पहली तीन शीर्ष पीएमजीएसवाई सड़क परियोजनाओं में शामिल हो गया है।
मंत्री ने अफसोस जताया कि इस क्षेत्र को पिछली सरकारों से उस तरह का ध्यान नहीं मिला, जिसका यह हकदार था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिबद्धता जताई थी कि उनकी सरकार सभी क्षेत्रों का समान रूप से विकास करेगी और इसे विकसित क्षेत्रों के बराबर लाएगी। डॉ. सिंह ने कहा कि श्री मोदी के संरक्षण में सरकार दूरदराज के इलाकों में उन सभी सुविधाओं को उन्नत करने में सफल रही है जिनकी लोगों ने पहले कभी कल्पना भी नहीं की थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनका निर्वाचन क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसे दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, तीन केंद्र-वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज और अन्य केंद्र-वित्त पोषित कई परियोजनाएं मिलीं, जिनमें देविका नदी पुनर्जीवन परियोजना, कटरा-दिल्ली एक्सप्रेस रोड कॉरिडोर, उत्तर भारत का पहला औद्योगिक क्षेत्र शामिल है। बायोटेक पार्क और राष्ट्रीय स्तर की शाहपुर कंडी सिंचाई परियोजना।