प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ में खादी उत्पादों की ₹12.02 करोड़ की ऐतिहासिक बिक्री हुई: केवीआईसी अध्यक्ष
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘नए भारत के लिए नई खादी’ आंदोलन को मजबूत करने के लिए, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने दिल्ली में केवीआईसी के राजघाट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से छह राज्यों के 205 मधुमक्खी पालकों को 2,050 मधुमक्खी बक्से, शहद कॉलोनियां और टूलकिट वितरित किए।
वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गांवों में ‘मीठी क्रांति’ फैलाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी कालोनियों और मधुमक्खी बक्सों को वितरित करने के लिए ‘हनी मिशन’ शुरू किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ के दौरान 14 जनवरी से 27 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में एक राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की ‘खादी क्रांति’ के परिणामस्वरूप, प्रदर्शनी में ₹12.02 करोड़ मूल्य के खादी उत्पादों की ऐतिहासिक बिक्री दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में 98 खादी स्टॉल और 54 ग्रामोद्योग स्टॉल थे, जिनमें सामूहिक रूप से खादी में ₹9.76 करोड़ और ग्रामोद्योग उत्पादों में ₹2.26 करोड़ की बिक्री दर्ज की गई।
कारीगरों को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष ने याद दिलाया कि 2016 में गुजरात के बनासकांठा के दीसा से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘श्वेत क्रांति’ के साथ-साथ ‘मीठी क्रांति’ का आह्वान किया था। इससे प्रेरित होकर केवीआईसी ने 2017 में ‘हनी मिशन’ शुरू किया, जिसके तहत अब तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख मधुमक्खी के बक्से और मधुमक्खी कालोनियां मिल चुकी हैं। उन्होंने आगे बताया कि ‘मन की बात’ के 75वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने मधुमक्खी पालन के लाभों पर चर्चा की थी और इस बात पर जोर दिया था कि शहद के अलावा मधुमक्खी का मोम भी आय का एक बड़ा स्रोत है। दवा, खाद्य, कपड़ा और कॉस्मेटिक उद्योगों में मधुमक्खी के मोम की काफी मांग है। इसलिए अधिक से अधिक किसानों को मधुमक्खी पालन को अपनी कृषि पद्धतियों में शामिल करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि उनके जीवन में मिठास भी आएगी और देश शहद उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
मधुमक्खी बक्सों, शहद कालोनियों और टूलकिटों का वितरण नीचे सूचीबद्ध है:
कार्यालय | जगह | बी बॉक्स-टूलकिट वितरण |
राज्य कार्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश | टीकमगढ़, जिला-टीकमगढ़ | 400 |
राज्य कार्यालय, अहमदाबाद, गुजरात | राधनपुर, जिला- पाटन | 200 |
राज्य कार्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल | सुंदरबन, जिला- दक्षिण 24 परगना | 200 |
राज्य कार्यालय, पणजी, गोवा | कैनाकोना, जिला- दक्षिण गोवा | 100 |
आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश | अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर | 350 |
आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश | अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर | 350 |
आंचलिक कार्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश | अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर | 350 |
पंजोखरा, जिला- शामली | 350 | |
आंचलिक कार्यालय, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश | सुल्तानपुरी, जिला- मऊ | 300 |
राज्य कार्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा | सिंधुरिया, राणापुर, जिला- नयागढ़ | 150 |
कुल | 2050 |
अपने संबोधन में, केवीआईसी के अध्यक्ष ने पिछले 10 वर्षों में खादी क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया कि खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में पाँच गुना वृद्धि हुई है, जो ₹31,000 करोड़ से बढ़कर ₹1,55,000 करोड़ हो गई है। अकेले खादी परिधानों की बिक्री में छह गुना वृद्धि हुई है, जो ₹1,081 करोड़ से बढ़कर ₹6,496 करोड़ हो गई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले एक दशक में खादी कारीगरों की आय में 213% की वृद्धि हुई है, जिसमें इस क्षेत्र में 80% से अधिक रोजगार महिलाओं के लिए सृजित हुए हैं।
इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों के साथ-साथ मुंबई और दिल्ली स्थित केवीआईसी मुख्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
स्वाधीन/मनोज