पहला जत्था 1,069 श्रद्धालुओं के साथ तड़के चार बजे बालटाल के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा जत्था 812 श्रद्धालुओं के साथ इसके 30 मिनट बाद पहलगाम के लिए रवाना हुआ. पिछले साल 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
“जय बाबा बर्फानी”: PM मोदी ने अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ पर तीर्थयात्रियों को दी शुभकामनाएं
पहला जत्था 1,069 श्रद्धालुओं के साथ तड़के चार बजे बालटाल के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरा जत्था 812 श्रद्धालुओं के साथ इसके 30 मिनट बाद पहलगाम के लिए रवाना हुआ. पिछले साल 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो चुकी है और यह 19 अगस्त को समाप्त होगी. यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम रूट से या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल रूट से यात्रा करते हैं. पहलगाम मार्ग से जाने वालों को मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग से जाने वाले लोग दर्शन के बाद उसी दिन वापस लौट आते हैं.
काफिलों को दी गई सुरक्षा
अधिकारियों ने बताया कि 4,029 यात्रियों का दूसरा जत्था 200 वाहनों के दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा, ”इनमें से 1,850 यात्री सुबह 4 बजे 104 वाहनों में बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 2,179 यात्री 96 वाहनों में सवार होकर सुबह 4.30 बजे पहलगाम के नुनवान बेस कैंप के लिए रवाना हुए.” अधिकारियों ने बताया, ”दोनों काफिलों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है.”
यह मंदिर समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें बर्फ से बना एक शिवलिंग है. भक्तों का मानना है कि यह शिवलिंग भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है. इस साल यात्रा को सुचारू और किसी भी दुर्घटना से बचाने के लिए दोनों आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. दोनों मार्गों के साथ-साथ पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से ज्यादा लंगर लगाए गए हैं.
इस साल की यात्रा के दौरान 7,000 से ज्यादा सेवादार (स्वयंसेवक) तीर्थयात्रियों की सेवा कर रहे हैं. यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का फैसला किया है. दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. (भाषा इनपुट के साथ)