प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने बीते दिनों लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। पहले अमेठी सीट को लेकर उन्होंने बयान दिया था। हालांकि इसके बाद उन्होंने कई अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन कांग्रेस की तरफ से उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी ने रायबरेली से उम्मीदवार बनाया है। वहीं अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने गैर गांधी परिवार के नेता केएल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। बीते दिनों प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि रॉबर्ट वाड्रा की राजनीति में एंट्री हो सकती है। रॉबर्ट वाड्रा ने अपने बयानों में राजनीति में एंट्री की तरफ इशारा किया था। हालांकि अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस बीच अब भारतीय जनता पार्टी ने रॉबर्ट वाड्रा को लेकर एक बयान जारी किया है।
प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा को हाशिए पर धकेल रहा कांग्रेस
दरअसल रॉबर्ट वाड्रा द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताए जाने के बावजूद कांग्रेस की तरफ से उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी खेमा कांग्रेस के अंदर प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा को हाशिए पर धकेल रहा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने शनिवार को इशारों-इशारों में गांधी परिवार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं होने की बात कही और अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल एक्स पर कहा, ‘अमेठी में अपार लोकप्रियता का दावा करने के बावजूद उस सीट के लिए रॉबर्ट वाड्रा का ध्यान नहीं दिया गया। यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी खेमा व्यवस्थित रूप से प्रियंका गांधी और उनके पति दोनों को हाशिए पर धकेल रहा है।’
चुनाव लड़ने की जताई थी इच्छा
बता दें कि बीते दिनों रॉबर्ट वाड्रा ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी को लगता है कि मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं सक्रिय राजनीति में आने को तैयार हूं। यह जरूरी नहीं है कि मैं अमेठी से चुनाव लडूं। मैं मुरादाबाद या हरियाणा से भी चुनाव लड़ सकता हूं। अहम बात यह थी कि वाड्रा ने खुद मुरादाबाद का नाम लिया था, जबकि अमेठी को लेकर मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे। उन्होंने कहा था कि मेरा मानना है कि हमें भेदभाव नहीं करना चाहिए और धर्म की राजनीति से दूर रहना चाहिए। पीएम मोदी को लोगों की समस्याओं को समझना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम कैसे विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। मेरा परिवार भेदभाव नहीं करता और हम ऐसे ही सेक्युलर देश के बारे में सोचते हैं।