PM Modi Speech Today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में भी विपक्षी दलों पर तीखे प्रहार किए. जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की. विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई. कुछ देर बाद विपक्षी दलों ने वाकआउट कर दिया. इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है. जिनमें सत्य का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठे प्रश्नों के उत्तर सुनने का साहस नहीं है. वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं.’ राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें.
- लोकसभा चुनाव के नतीजों पर: राज्यसभा में बोलते हुए PM मोदी ने कहा, ‘भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया. 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है. यह कोई सामान्य बात नहीं है. कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की. कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि नतीजे आए, तबसे ही हमारे एक साथी की तरफ से मैं देख रहा था… उनकी पार्टी उनको समर्थन तो नहीं कर रही थी लेकिन अकेले झंडा लेकर दौड़ रहे थे… मैं कहता हूं कि वो जो कहते थे उनके मुंह में घी-शक्कर! ये मैं क्यों कह रहा हूं… क्योंकि उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था, एक-तिहाई सरकार… इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, लेकिन एक-तिहाई हुआ है… दो-तिहाई बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी-शक्कर!’
- संविधान के मुद्दे पर: पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे लिए संविधान आर्टिकल्स का कंपाइलेशन भर नहीं है. हमारे लिए उसका एक-एक शब्द मूल्यवान है. हमारा मानना है कि किसी भी सरकार के लिए, हमारा संविधान लाइट हाउस का काम करता है… मैंने जब लोकसभा में कहा था कि अब 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में बनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो लोग संविधान लहराते रहते हैं, संविधान लेकर कूदते रहते हैं… उन्होंने विरोध किया. आज संविधान दिवस के माध्यम से देश के स्कूल-कॉलेजों में संविधान की भावना, संविधान की रचना में गणमान्य महापुरुषों की क्या भूमिका रही है, किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ा गया, किन कारणों से कुछ का विस्तार किया गया… इन सब विषयों पर चर्चा हो.’
- भविष्य के विजन पर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आने वाले पांच साल मूल्य सुविधाओं के संतृप्ति के लिए और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए हैं. आने वाले पांच वर्ष गरीब जब गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक सामर्थ्य के साथ खड़ा हो जाता है और फिर वह सफलता को प्राप्त करता है इसलिए आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक वर्ष है और यह देश गरीबी के खिलाफ विजयी होकर उभरेगा और यह बात मैं पिछले 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं. जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा.’
- बंगाल की घटना पर: पीएम ने पश्चिम बंगाल में महिला से सरेआम मारपीट की घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को, सोशल मीडिया पर वीडियो देखा… एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा था. वो बहन चीख रही है, लेकिन वहां खड़े लोगों में से कोई मदद के लिए नहीं आ रहा है, सब वीडियो बनाने में लगे हुए हैं. जो घटना संदेशखली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटें खड़े करने वाली हैं लेकिन बड़े-बड़े दिग्गज मैं सुन रहा हूं कल से, इसके लिए पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है. शर्मिंदगी का इससे दुखद चित्र क्या हो सकता है! जो अपने आप को बहुत प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं क्योंकि संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े किसी दल से है या उस राज्य से हैं इसलिए आप महिलाओं को हो रही पीड़ा पर चुप हो जाएंगे… जिस प्रकार से दिग्गज लोग भी ऐसी बातों को नजरअंदाज करते हैं तब देश को तो पीड़ा होती ही है, हमारी माताओं-बहनों को ज्यादा पीड़ा होती है.
- भाषण के दौरान नारेबाजी, PM का तंज: एक तरफ पीएम राज्यसभा में बोल रहे थे, दूसरी तरफ विपक्षी सदस्य नारेबाजी कर रहे थे. जब सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम के भाषण में दखल देने की अनुमति नहीं दी तो विपक्षी सदस्यों ने एलओपी… एलओपी… एलओपी… के नारे लगाए. हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती. इनका सत्य से मुकाबला करना, इसके लिए जिनके हौसले नहीं है, वो बैठ करके इतनी चर्चा के बाद उनमें उठाए हुए सवालों के जवाब भी सुनने की हिम्मत नहीं है. ये उच्च सदन को अपमानित कर रहे हैं.’ पीएम मोदी के इतना कहने के बाद कई विपक्षी पार्टियों ने वाकआउट कर दिया. इसके बाद, पीएम ने कहा, ‘140 करोड़ देशवासियों ने जो निर्णय दिया है, इसे ये (विपक्ष) पचा नहीं पा रहे. कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, आज उनका वो लड़ाई लड़ने का भी हौसला नहीं था और इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए.’