दौरे के दौरान पोषण अभियान के कार्यान्वयन और सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के माध्यम से कुपोषण से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता देखी गई
प्रसिद्ध समग्र स्वास्थ्य कोच और ल्यूक कॉउटिन्हो होलिस्टिक हीलिंग सिस्टम के सह-संस्थापक, श्री ल्यूक कॉउटिन्हो ने आज नई दिल्ली के आरके पुरम में कुसुमपुर पहाड़ी आईसीडीएस परियोजना एडब्ल्यूसी 55 और 59 में आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा किया और पोषण अभियान के कार्यान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
यह यात्रा भारत सरकार की सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0) के माध्यम से कुपोषण से निपटने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसमें सामाजिक व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक भागीदारी एक प्रमुख घटक है।
अपने दौरे के दौरान, श्री कॉउटिन्हो ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की, जो समुदाय में पोषण और प्रारंभिक बचपन शिक्षा को मजबूत करने में लगे प्रमुख हितधारक हैं। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ भी बातचीत की और सभी को अच्छे पोषण और स्वस्थ जीवन शैली के प्रति प्रेरित किया।
उन्होंने देखा कि पोषण सेवाओं की वास्तविक समय पर निगरानी कैसे की जा रही है। पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन एक उन्नत आईटी गवर्नेंस टूल है जो आंगनवाड़ी केंद्रों पर बुनियादी ढांचे और सेवा वितरण की निगरानी करता है। 24 भाषाओं में उपलब्ध इस टूल ने लगभग वास्तविक समय में डेटा संग्रह और लक्षित हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान की है, जिससे लाभार्थियों के लिए बेहतर सेवा दक्षता सुनिश्चित हुई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मोटापा विरोधी अभियान और खाना पकाने में खाद्य तेल के उपयोग को कम करने के आह्वान की प्रशंसा करते हुए श्री ल्यूक ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान के तहत वार्षिक जन आंदोलन अर्थात पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के माध्यम से जागरूकता और सामुदायिक लामबंदी के बारे में बात की।
उन्होंने अच्छे पोषण के लिए परिवार में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने पूरक पोषण कार्यक्रम में बाजरे के उपयोग और सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत ‘पोषण ट्रैकर’ एप्लिकेशन के माध्यम से पोषण सेवाओं की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की मंत्रालय की पहल की भी सराहना की।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने बताया कि 18 मार्च से 2 अप्रैल 2025 तक चलने वाले 7वें पोषण पखवाड़ा 2025 के लिए बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली पर जोर दिया गया है। इसके अलावा जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाया जाएगा और सीएमएएम मॉड्यूल के कार्यान्वयन के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन किया जाएगा।
दैनिक आहार में स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, श्री ल्यूक कॉउटिन्हो ने करी पत्ते का पौधा लगाया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा परिकल्पित और दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआई) द्वारा संकलित ‘पोषण उत्सव पुस्तक’ की एक प्रति भेंट की। यह देश की समृद्ध पाक विरासत और पोषण विविधता की सराहना के लिए एक व्यापक संग्रह के रूप में कार्य करती है।
श्री कॉउटिन्हो की इस यात्रा से समग्र पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता पैदा होने की उम्मीद है, जिससे एक स्वस्थ और बेहतर पोषित भारत के निर्माण के सामूहिक मिशन को बल मिलेगा।
****
एसएस/एमएस