नई दिल्ली:
राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 3 छात्रों की डूबने से मौत के बाद प्रशासन जागा है. यहां रविवार देर रात तक करीब 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए हैं. ये ऐसे कोचिंग सेंटर थे, जो नियमों का उल्लंघन कर बेसमेंट में क्लास, लाइब्रेबी और अन्य गतिविधियां कर रहे थे. लेकिर सवाल उठता है कि आखिर बेसमेंट में लाइब्रेरी और क्लास कैसे चल रही थीं? ये कोई गांव-देहात का इलाका नहीं है, सेंट्रल दिल्ली है. वहीं, यहां पढ़ाई करने वाले आईएएस ऑफिस बनते हैं, ऐसे में यहां नियमों की अनदेखी…! हालांकि, सिर्फ यही इलाका नहीं है, जहां बेसमेंट में लाइब्रेरी और अन्य गतिविधियां चल रही हैं, लगभग आधी दिल्ली बेसमेंट से ही चल रही है. दिल्ली में दुकानें, मॉल और पार्किंग भी बेसमेंट्स में चल रही हैं.
राजेंद्र नगर में 150 लाइब्रेरी…
राजेंद्र नगर में बड़ा बाज़ार रोड यूपीएससी परीक्षा तैयारी कोचिंग केंद्रों का केंद्र है. बुनियादी ढाँचे की कमियों के कारण क्षेत्र में रहने वाले हजारों यूपीएससी उम्मीदवारों का जीवन हर दिन खतरे में रहता है. यहां ब्यूरोक्रेट्स लाइब्रेरी, उषा लाइब्रेरी, वाजीराम लाइब्रेरी, दुर्गा लाइब्रेरी, श्रीराम लाइब्रेरी और पेज 1 लाइब्रेरी सहित कई लाइब्रेरी, इलाके में रेजिडेंशियल बिल्डिंग के बेसमेंट में हैं. बताया जा रहा है कि इस इलाके में लगभग 150 छोटी-बड़ी लाइब्रेरी इमारतों के बेसमेंट में चल रही हैं. इन लाइब्रेरी में हजारों छात्र रोजाना आते हैं. ऐसे में आने वाले समय में कब कोई हादसा हो जाए, कहा नहीं जा सकता है.
कई कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ सील
राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल ने शुरू में दावा किया कि बाढ़ वाले बेसमेंट में केवल स्टोर की जगह थी, हालांकि, आगे की जांच और शवों की बरामदगी से पता चला कि बेसमेंट का उपयोग लाइब्रेरी के रूप में किया जाता था साथ ही इंस्टीट्यूट के सदस्यों के लिए एक कमरा भी था. एमसीडी ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. निगम एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से तीन लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगा. दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि नगर निगम की एक टीम रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ को सील करने पहुंची. रविवार देर रात तक जारी कार्रवाई के दौरान करीब 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए. इनमें आईएएस गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर्स अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करिअर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस और ‘इजी फॉर आईएएस’ शामिल हैं.
“…तो बच जाती छात्रों की जान “
एमसीडी ने पिछले साल मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लगने के बाद ऐसे कोचिंग केंद्रों का सर्वेक्षण किया था. ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई. उन्होंने कहा, “संस्थान के मालिक की ओर से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने में घोर आपराधिक लापरवाही पाई गई है, क्योंकि ‘बेसमेंट’ में स्थित पुस्तकालय अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और इसमें केवल एक ही प्रवेश और निकास द्वार था जो बायोमेट्रिक आधारित था और पानी के कारण बंद हो गया था.” अधिकारी ने कहा, “यदि बाहर निकलने का रास्ता खुला होता तो छात्र बच सकते थे.
बेसमेंट के लिए क्या है नियम
बेसमेंट का इस्तेमाल कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है, लेकिन उसके कुछ नियम हैं. एमसीडी के एक अधिकारी ने बताया, “निगम सिर्फ भवन योजना को मंजूरी देती है, लेकिन अगर कोई ‘बेसमेंट’ का इस्तेमाल पार्किंग और भंडारण के लिए करने की घोषणा करने के बाद उसका व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है, तो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एजेंसी और क्या कर सकती है? बेसमेंट का इस्तेमाल व्यवसायिक कार्यों के लिए सिर्फ कड़ी शर्तों का पालन करने के बाद ही संभव है. नियमों के मुताबिक, बेसमेंट जहां बना है, वहां का क्षेत्रफल कम से कम एक हेक्टेयर होना चाहिए.
(भाषा इनपुट के साथ…)