पेरिस ओलंपिक में बुधवार का दिन भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा, जहां दिन में विनेश फोगाट को 100 ग्राम अधिक वजन के चलते फाइनल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया तो, दिन में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन से भी निराशा हुई. शायद यह कम बुरा नहीं था कि देर रात एक और खबर आई. दरअसल, भारत की युवा पहलवान अंतिम पंघाल और उनके पूरे दल को पेरिस से निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस युवा पहलवान ने अपना आधिकारिक मान्यता कार्ड अपनी छोटी बहन को सौंप दिया जिसे सुरक्षाकर्मियों ने खेल गांव से बाहर निकलते हुए पकड़ लिया. इसके बाद अंतिम का मान्यता कार्ड रद्द कर दिया गया. एक्रीडिटेशन
अंतिम महिलाओं की 53 किग्रा स्पर्धा में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं थी. आईओए के एक बयान में कहा गया,”भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा आईओए के संज्ञान में अनुशासनात्मक उल्लंघन का मामला लाए जाने के बाद पहलवान अंतिम और उनके सहयोगी स्टाफ को वापस भेजने का फैसला किया है.”
हालांकि आईओए ने अनुशासनात्मक उल्लंघन के बारे में कुछ नहीं बताया लेकिन एक सूत्र ने पीटीआई को विस्तृत जानकारी दी. सूत्र ने कहा,”खेल गांव जाने के बजाय वह उस होटल में पहुंच गई जहां उसके कोच भगत सिंह और साथी अभ्यास पहलवान विकास, जो वास्तव में उसका कोच है, ठहरे हुए थे. अंतिम ने अपनी बहन को खेल गांव जाने और अपना सामान लेकर वापस आने को कहा. उसकी बहन को किसी ओर के कार्ड पर अंदर जाने के कारण पकड़ा गया और उसे बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया.”
उन्नीस वर्षीय अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम को भी पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया. इतना ही नहीं अंतिम के निजी सहयोगी स्टाफ विकास और भगत कथित तौर पर नशे की हालत में कैब में यात्रा कर रहे थे और उन्होंने किराया देने से इनकार कर दिया जिसके बाद ड्राइवर ने पुलिस को बुला लिया. आईओए के एक अधिकारी ने गुस्से में कहा,”हम अभी मामले को ठंडा कर रहे हैं.” जब संपर्क किया गया तो विकास ने इस तरह की घटना में अपनी संलिप्तता से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा,”आपको यह किसने बताया? अंतिम और उसकी बहन मेरे सामने बैठी हैं.”