प्रीति ने सोशल मीडिया पर पैरालंपिक खेलों की वीडियो देखीं, इस वक्त इनकी उम्र 17 की साल की थी. इस वीडियों ने उन्हें बहुत मोटिवेट किया. छोटी उम्र में उनके कदम बड़े लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ चुके थे.
Preethi Pal Profile: पेरिस पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स का जलवा बरकरार है. इसी क्रम में भारत की बेटी प्रीति पाल ने ट्रैक और फील्ड में भारत के लिए पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया. प्रीति पाल ने 100 मीटर की एथलेटिक्स T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है. यह अवॉर्ड भारत के लिए खास इसलिए है क्योंकि इन खेलों में ट्रैक इवेंट में यह पहला पदक है. प्रीति पाल का यह सफर इतना आसान नहीं है, इसके पीछे छिपी हैं वो तमाम संघर्षों की कहानी जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ जाएंगे.
उत्तर प्रदेश में हुआ प्रीति का जन्म
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्मीं प्रीति एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. प्रीति 2 भाई और 2 बहन है और यह अपने मां बाप की दूसरे नंबर की लड़की हैं. प्रीति पाल के मेडल जीतने के बाद उनके गांव हशमपुर से लेकर देशभर में खुशी का माहौल है. प्रीति पाल को बचपन में सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी हो गई और इसका लगातार इलाज चलता रहा.
प्रीति पाल के पिता अनिल कुमार पाल के पिता “लोग कहते थे कि विकलांग है बड़ी दिक्कत हो जाएगी और लड़की है शादी-ब्याह में भी दिक्कत आएगी और आज कहते हैं की लड़की ने बहुत अच्छा किया है. आज हम मोबाइल और टीवी पर देख रहे थे. हमें बहुत ज्यादा खुशी है कि प्रीति ने पूरी दुनिया में नाम रोशन किया है.”
छोटी उम्र में बड़े लक्ष्य की ओर बढ़े कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले लोगों ने उनके चलने पर भी संदेह जताया था लेकिन प्रीति का जीवन जीने के नजरिया तब बदला जब उन्होंने सोशल मीडिया पर पैरालंपिक खेलों की वीडियो देखीं, इस वक्त इनकी उम्र 17 की साल की थी. इस वीडियों ने उन्हें बहुत मोटिवेट किया. छोटी उम्र में उनके कदम बड़े लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ चुके थे. हालांकि इस सफर में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा.
पैरालंपिक एथलीट फातिमा का मिला साथ
प्रीती के जीवन में एक टर्निंग प्वांइट तब आया जब उनकी मुलाकात पैरालंपिक एथलीट फातिमा खातून से हुई. फातिमा ने प्रीति की पैरा एथलेटिक्स से पहचान करवाई. फातिमा के मदद से प्रीति ने 2018 में स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया. साथ ही कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी भाग लिया..