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बेटे ने किया फोन और… शेख हसीना ने क्यों लिया वो सबसे मुश्किल फैसला, 45 मिनट की पूरी कहानी

बांग्लादेश में उस शाम 45 मिनट के अंदर कुछ ऐसा हुआ, जिसकी कल्पना भी शेख हसीना ने नहीं की थी. उनके आवास की तरफ गुस्से से पागल भीड़ का हुजूम बढ़ रहा था और उधर अधिकारी उन्हें समझा रहे थे. हसीना इस्तीफा न देने पर अड़ी थीं, लेकिन तभी ऐसा क्या हुआ, पढ़िए

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ़ता हिंसक प्रदर्शनकारियों का हुजूम और बिगड़े हालात के बीच शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मनाने की कोशिश करते सुरक्षाकर्मी. ये वाकया उस दिन का है जब बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद भी अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं दिख रही थीं. उनका कहना था कि चाहे जो हो जाए, वो अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगी. लेकिन फिर 45 मिनट के भीतर ही कुछ ऐसा हुआ कि शेख हसीना ने सिर्फ अपने पद से इस्तीफा दिया, बल्कि देश छोड़ने को भी तैयार हो गईं. और ये सब होता है सिर्फ एक फोन कॉल के बाद.

बांग्लादेश के मीडिया में छपी खबरों के अनुसार देश में बिगड़े हालात को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी उन्हें बार-बार हालात से वाकिफ कराते हुए पद छोड़ने का आग्रह कर रहे थे. लेकिन वह किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थीं. एक समय तो ऐसा भी आ गया था कि जब पुलिस के आला अधिकारियों ने भी उनके सामने ये साफ कर दिया था कि अब उनके लिए भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेख हसीना ने जब अपने पद से इस्तीफा देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया, तब उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले कुछ आला अधिकारियों ने उनकी बहन शेख रेहाना से बात की.

आला अधिकारियों की तरफ से बढ़ते दबाव को देखते हुए शेख रेहाना ने शेख हसीना को फोन किया और उनसे अनुरोध किया कि वह मौजूदा स्थिति में तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दें. लेकिन शेख हसीना ने अपनी बहन की बात भी नहीं मानी. उन्होंने शेख रेहाना से कहा कि वह फिलहाल अपने पद से इस्तीफा देने जा रही हैं.

बड़े अधिकारी ने शेख हसीना के बेटे को किया था फोन

बताया जा रहा है कि शेख हसीना ने अपनी बहन की बात मानने से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनके बेटे को फोन किया. अधिकारी ने उनके बेटे (जॉय) से फोन पर देश के मौजूदा हालात और शेख हसीना की सुरक्षा को लेकर बात की. वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के बाद जॉय ने मां शेख हसीना को फोन किया. उन्होंने अपनी मां को पद छोड़ने के लिए कहा. इस बार शेख हसीना प्रधानमंत्री का पद छोड़ने से इनकार नहीं कर पाईं. बेटे से हुई बातचीत के बाद ही शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

राष्ट्र के नाम संदेश देना चाहती थीं शेख हसीना

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेख हसीना चाहती थीं कि अपने पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से पहले वह राष्ट्र के नाम अपना संदेश दें. वह इसे रिकॉर्ड करना चाहती थीं. लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाईं. उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रदर्शनकारी अगले 45 मिनट में शाहबाग से गण भवन तक पहुंच जाएंगे. अगर ऐसा हुआ तो उनका यहां से निकल पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. शेख हसीना ने सुरक्षाकर्मियों की बात मानी और वह अपनी बहन के साथ तेजगांव के पुराने हवाई अड्डे स्थित हेलीपैड पर पहुंचीं.

इसके बाद वह बंगभवन पहुंचीं. बंगभवन पहुंचने के बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने को लेकर तमाम तरह की औपचारिकताओं को पूरा किया. इसके बाद वह अपनी बहन के साथ सेना के विमान से भारत के लिए रवाना हो गईं. इसके बाद भारत के एयरस्पेस में प्रवेश करने के बाद उनका विमान अगरतला में लैंड कराया गया. जहां से वह एक विमान से दिल्ली के पास के हिंडन एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं.

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