अस्पताल ने कहा है, “शाम करीब छह बजे मरीज को शैल्बी अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में लाया गया था. वह बेहोश थे और जवाब नहीं दे रहे थे.”
“बताया गया कि कुत्तों का पीछा करने की वजह से वह गिर गए थे, लेकिन शरीर पर कुत्ते के काटने के कोई निशान नहीं थे.”
शैल्बी अस्पताल की ग्रुप सीओओ डॉ. निशिता शुक्ला ने कहा, “मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया था और 72 घंटे तक निगरानी और इलाज की सलाह दी गई थी. मरीज को उनके रिश्तेदारों के कहने पर डिस्चार्ज कर दिया गया था.”
मीडिया रिपोर्टों में ये कहा जा रहा है कि पराग देसाई पर उनके घर के बाहर कुत्तों ने हमला कर दिया था. कुत्ते से बचने की कोशिश करते हुए गंभीर चोट आई थी. ये मामला 15 अक्टूबर का है.
पराग देसाई के घर के बाहर खड़े एक गार्ड ने उनके परिवार को इस मामले की जानकारी दी. इसके बाद उन्हें शेल्बी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
एक दिन तक निगरानी में रखने के बाद उन्हें सर्जरी के लिए ज़ायडस अस्पताल भेज दिया गया.
बकरी चाय ग्रुप के एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का 49 साल की उम्र में निधन हो गया है. कंपनी ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश के साथ उनके अंतिम संस्कार की जानकारी दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार देसाई पिछले हफ्ते, 15 अक्टूबर को अपने घर के बाहर आवारा कुत्ते के हमले से बचने की कोशिश में घायल हो गए थे और उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था.
हालांकि अस्पताल ने बयान जारी कर कहा है कि उनके शरीर पर कुत्ते के काटने के कोई निशान नहीं मिले हैं.
वाघ बकरी गुजरात का एक प्रसिद्ध चाय ब्रांड है और इसका प्रबंधन देसाई समूह करता है. पराग देसाई चौथी पीढ़ी के कारोबारी थे. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने अमेरिका के लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था.
पराग देसाई ने साल 1995 में चाय के पारिवारिक बिजनेस में कदम रखा. तब कंपनी की रेवेन्यू 100 करोड़ से भी कम था.
उन्होंने अहमदाबाद से बाहर कारोबार का विस्तार किया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी लांच किया.
पराग देसाई ने टी ग्रुप को काफी बदलने का काम किया. उन्होंने 70 से ज्यादा चाय लाउंज और टी वर्ल्ड कैफे खोले और सोशल मीडिया पर खूब प्रचार भी किया.
हालांकि, रविवार को इलाज के दौरान ब्रेन हेमरेज होने से उनका निधन हो गया.