पत्रकार सुरक्षा समिति के मुताबिक़, 7 अक्तूबर को इसराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 22 पत्रकारों की मौत हो चुकी है.
समिति ने एक बयान में बताया है कि इनमें 18 फ़लस्तीनी पत्रकार शामिल हैं, तीन इसराइली हैं और एक लेबनानी है.
सीपीजे (कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स) का कहना है कि इनमें से 15 मौतें इसराइल के हवाई हमलों में हुई हैं, दो पत्रकार हमास के हमले में मारे गए हैं.
सीपीजे के मुताबिक़ आठ पत्रकार घायल हुए हैं, तीन या तो लापता हैं या हिरासत में हैं.
सीपीजे के प्रवक्ता ने कहा है, “सीपीजे इस बात पर ज़ोर देता है कि पत्रकार भी नागरिक हैं जो संकट के समय में मुश्किल काम कर रहे हैं और युद्ध में शामिल पक्षों को उन्हें निशाना नहीं बनाना चाहिए.”
सीपीजे ने अपने बयान में कहा है कि ग़ज़ा में काम कर रहे पत्रकारों पर ख़तरा अधिक है क्योंकि वहां इसराइल के ज़मीनी अभियान की भी आशंका है.
ग़ज़ा पर इसराइल लगातार बमबारी कर रहा है. हमास के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक़ अब तक चार हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी बमबारी में मारे जा चुके हैं. दक्षिणी इसराइल में हमास के हमले में 1400 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
सीपीजे ने कहा है कि वह पत्रकारों के लापता होने, हिरासत में लिए जाने और पत्रकारों के घरों को निशाना बनाये जाने की कई रिपोर्टों की जांच भी कर रही है.
सीपीजे ने अब तक मारे गए पत्रकारों की सूची भी जारी की है.