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जो बाइडन और नेतन्याहू की मुलाक़ात को लेकर क्या कह रहा अंतरराष्ट्रीय मीडिया

इसराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बुधवार को इसराइल का दौरा करके अमेरिका लौट गए हैं.

इस दौरे में जहां उन्होंने पूरी दुनिया को यह दिखाया कि वह इसराइल के साथ खड़े हैं, उन्होंने ये भी दिखाया कि ग़ज़ा के लोगों के प्रति भी उनकी सहानुभूति है. अंतररष्ट्रीय मीडिया में मिल रही कुछ ख़बरों के अनुसार दौरे के दौरान उन्होंने इसराइल को भी संयम बरतने की हिदायत दी है.

तेल अवीव में कॉन्फ़्रेंस रूम की ओर बढ़ते समय बाइडन ने हमास के हमले के प्रभावित इसराइलियों से मुलाक़ात की और गले मिलकर उन्हें ढाढ़स दिया.

दुनिया भर के मीडिया ने ग़ज़ा में जारी जंग के बीच हुए इस अहम दौरे को प्रमुखता से कवर किया है.

एक रिपोर्ट में न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है, “बाइडन एक तरह से पूरे इसराइल को गले से लगाकर यह कहने के लिए तेल अवीव पहुंचे थे कि अमेरिका उनके दुख में शामिल है. लेकिन इस दौरान उन्होंने एक हल्की चेतावनी भी दी.”

बाइडन ने इसराइली नागरिकों को संबोधित करते हुए इशारों-इशारों में कहा, “आपके माता-पिता, दादा-दादी, बच्चों और यहां तक कि शिशुओं के साथ जो कुछ हुआ, उसे देखकर आप चुप नहीं रह सकते. लेकिन अपने ऊपर ग़ुस्से को हावी न होने दें. 9/11 के बाद हम ग़ुस्से में थे. हम न्याय चाहते थे और हमने इसे हासिल भी किया. मगर हमने ग़लतियां भी की.”

इसी ख़बर को फ़ाइनेन्शियल टाइम्स ने भी इसी शीर्षक के साथ कवर किया है.

‘दूसरी टीम’ ने किया हमला- बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हो सकता है कि ग़ज़ा के अस्पताल पर हुए धमाके के लिए इसराइल ज़िम्मेदार न हो.

अरब न्यूज़ ने लिखा है कि बुधवार को एक बैठक के दौरान बाइडन ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से कहा, “जो मैंने देखा है, उसके आधार पर लगता है कि यह आपने नहीं, दूसरी टीम ने किया है.”

बाइडन ने कहा है ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें नहीं पता कि धमाके का क्या कारण है.

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, “वहां एक अस्पताल में हुए धमाके में 471 लोगों की जान गई है.”

इसराइल ने इस धमाके में अपना हाथ होने से इनकार करते हुए कहा है कि एक अन्य समूह फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने ग़लती से इस अस्पताल पर रॉकेट दाग़ दिया था.

इसराइल की रक्षा के लिए हर संभव मदद देने का वादा करते हुए बाइडन ने कहा कि “हमास दाएश (इस्लामिक स्टेट) से भी बुरा है.”

उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमास के हमले में 1300 इसराइलियों के अलावा 31 अमेरिकियों की भी मौत हुई है.

वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट ने कहा है कि बाइडन ने ग़ज़ा के लोगों के प्रति हमदर्दी जताई, साथ ही हमले को लेकर इसराइल के दावे का समर्थन किया.

‘दूसरी टीम’ कौन है?

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक़, बाइडन ने अपने इसराइल दौरे की शुरुआत दुनिया के सामने यह दिखाते हुए की कि अमेरिका यहूदियों के साथ खड़ा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘दूसरी टीम’ शब्द का इस्तेमाल उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा दिखाई गई जानकारियों के आधार पर किया.

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रियन वॉटसन की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि “जानकारियों, ख़ुफ़िया सूचनाओं, मिसाइल की गतिविधियों, उपग्रह से मिली तस्वीरों और घटना के वीडियो वगैरह के आधार पर अमेरिका इस नतीजे पर पहुंचा है.”

उन्होंने कहा कि ख़ुफ़िया सूचनाएं संकेत दे रही हैं कि कुछ फ़लस्तीनी लड़ाकों को भी लगता है कि यह धमाका एक चरमपंथी समूह द्वारा दागे रॉकेट या मिसाइल के कारण हुआ था.

जो बाइडन गुरुवार रात को ग़ज़ा के अस्पताल में हुए धमाके पर और बात कर सकते हैं. व्हाइट हाउस ने बताया है कि अमेरिकी समय के अनुसार रात आठ बजे बाइडन यूक्रेन के साथ रूस की जंग और इसराइल पर हमास के हमले पर भी बात करेंगे.

चीनी सरकार समर्थित ग्लोबल टाइम्स मे इसले लेकर सोशल मीडिया पोस्ट किया है.

अख़बार ने एक कार्टून पोस्ट कया है जिसमें सफेद रंग का एक कबूतर जिस पर ‘मध्य पूर्व में शांति’ लिखा है वो अमेरिका के चुंगल से निकलने की कोशिश कर रहा है.

रॉयटर्स की एक ख़बर को रीट्वीट करते हुए अख़बार लिखता है, “अमेरिका ने एक बार फिर खुद को सभ्य समाज और मानवता के ख़िलाफ़ वाले खेमे में खड़ा किया है. ये शर्म की बात है कि उनसे कई ज़िंदगियां बचाने के इनकार कर दिया है.”

अख़बार ने तंज कसते हुए आगे लिखा “क्या ‘कड़ी मशक्कत से की गई कूटनीति’ का आख़िरी नतीजा ये है कि इससे और अधिक बमबारी और अधिक मौतें होंगी? सवाल ये है कि क्या वो कवाकई में इस समस्या को कारगर तरीके से सुलझाना चाहता है.”

रॉयरट्स ने ख़बर दी थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए संघर्ष विराम करने से संबंधित प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो किया है. अमेरिका का कहना है कि काउंसिल को ‘कड़ी मशक्कत से की गई कूटनीति’ के नतीजों का इंतज़ार करना चहिए.

ईरान ने दी बदले की धमकी

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने “फ़लस्तीन और ग़ज़ा में किए गए अपराधों” का इस्लामिक देशों द्वारा कड़ा बदला लेने की चेतावनी दी है.

अल अरबिया के अनुसार, फ़लस्तीनियों के समर्थन में ईरान की राजधानी तेहरान में जुटे हज़ारों लोगों को संबोधित करते हुए रईसी ने कहा, “अस्पताल पर हमले के साथ ही यहूदियों (इसराइल) का अंत शुरू हो जाएगा.”

उन्होंने कहा कि “फ़लस्तीनियों के ख़ून का एक-एक क़तरा यहूदियों की सत्ता को उसके पतन के क़रीब ले जाएगा.”

लेबनान को लेकर सऊदी अरब का अलर्ट

सऊदी अरब ने अपने नागरिकों के लेबनान जाने पर रोक लगा दी है.

सऊदी गैज़ेट के अनुसार, लेबनान में सऊदी अरब के दूतावास ने कहा है कि वह लेबनान के दक्षिणी हिस्से में जारी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है.

दूतावास ने सऊदी नागरिकों को ट्रैवल बैन का पालन करने और लेबनान से तुरंत बाहर जाने की हिदायत दी है.

लेबनान में मौजूद सऊदी नागरिकों से कहा गया है कि वे सतर्क रहें और लेबनान से बाहर निकलने तक भीड़ या प्रदर्शन वाली जगहों में जाने से बचें.

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