बेंगलुरु के जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर एचएम मंजेश ने कहा, “हमारी अपील के बाद भी कई लोग जीपीओ आ रहे थे और उनमें से अधिकतर लोग बहुत दूर-दूर से यहां पहुंचे थे. इतना ही नहीं हमने गेट पर पोस्टर भी लगाए हैं कि पोस्ट ऑफिस किसी तरह की स्कीम नहीं चला रहा है
नई दिल्ली:
बेंगलुरु के जर्नल पोस्ट ऑफिस में सोमवार सुबह 3 बजे से ही महिलाओं की खाता खुलवाना के लिए लंबी कतारे लग गईं. महिलाओं द्वारा पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने के लिए यह लाइन उस वक्त लगी जब ये अफवाह फैलने लगी कि पोस्ट ऑफिस में खुले महिलाओं के खातों में केंद्र सरकार द्वारा हजारों रुपये डाले जाएंगे. खाता खुलवाने के लिए इतनी लंबी कतारों को देखते हुए पोस्ट ऑफिस को अधिक अधिकारियों को काम पर लगाना पड़ा और साथ ही भीड़ को शांत रखने के लिए पुलिस को भी बुलाना पड़ा.
टीओआई में के मुताबिक यह सब तब शुरू हुआ जब यह अफवाह फैली की पोस्टल डिपार्टमेंट इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) में खुले खातों में 8 हजार रुपये डाल रहा है. यह अफवाह व्हॉट्स के जरिए और लोकल ग्रुप्स में फैली थी. यह मानते हुए कि सोमवार रेजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन है, कई महिलाएं जिनमें वृद्ध, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, छोटे बच्चों के साथ आई महिलाएं आदि जर्नल पोस्ट ऑफिस पहुंची.
टीओआई को सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ रही कई राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं को कैश देने का वादा किया है और शायद इस वजह से उन्हें लगा कि पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने से उन्हें ये फायदे मिलेंगे. उनमें से कई इन अफवाहों का शिकार हो गईं और उन्हें लगा कि पोस्ट ऑफिस सभी के अकाउंट में 8 हजार रुपये डाल रहा है.
बेंगलुरु के जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर एचएम मंजेश ने कहा, “हमारी अपील के बाद भी कई लोग जीपीओ आ रहे थे और उनमें से अधिकतर लोग बहुत दूर-दूर से यहां पहुंचे थे. इतना ही नहीं हमने गेट पर पोस्टर भी लगाए हैं कि पोस्ट ऑफिस किसी तरह की स्कीम नहीं चला रहा है और कोई पैसे देने की घोषणा नहीं की गई है. हालांकि, इसके बाद भी स्तनपान कराने वाली महिलाएं, वृद्ध और कई अन्य महिलाएं यहां अपना खाता खुलवाने के लिए पहुंची. लेकिन यहां पर महिलाओं के लिए अपने बच्चे को स्तनपान कराने की जगह नहीं है और न ही वो लाइन छोड़ कर बाहर जा सकती हैं. इतना ही नहीं गर्मी के कारण कुछ महिलाएं डीहाइड्रेशन का भी शिकार हो गईं और फिर पोस्ट ऑफिस अधिकारियों ने उन्हें मेडिकल हेल्प दी”.
केवल सोमवार को ही दोपहर तक लगभग 2 हजार महिलाएं जीपीओ में खाता खुलवाने के लिए पहुंची थी. एक अधिकारी ने कहा, “हम रोजाना 100 से 200 खाते खोलते आए हैं लेकिन पिछले एक हफ्ते में हमने एक दिन में 700 से 800 खाते खोले हैं.”
मंजेश ने बताया कि लोग अपने आसपास के पोस्ट ऑफिस में जाकर भी आईपीपीबी खाता खोल सकते हैं. उन्होंने कहा, “किसी को भी खाता खोलने के लिए जीपीओ आने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब लोग ऑनलाइन भी खाता खुलवा सकते हैं और पोस्ट ऑफिस से कोई उनके घर पर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए आता है.”