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असंगठित क्षेत्र उद्यमों (ASUSE) के वार्षिक सर्वेक्षण 2023-24 और निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय (CAPEX) निवेश इरादों पर अग्रगामी सर्वेक्षण के परिणामों पर डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन

डेटा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं के बीच तालमेल बनाना

भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) 27 मई 2025 को हैदराबाद के गाचीबोवली में ISB परिसर के खेमका ऑडिटोरियम में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के सहयोग से डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन डेटा उत्पादकों और उपयोगकर्ताओं को हाल ही में डेटा नवाचारों और असंगठित क्षेत्र उद्यमों (ASUSE) के वार्षिक सर्वेक्षण 2023-24 और निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय (CAPEX) निवेश इरादों पर अग्रगामी सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए एक इंटरैक्टिव प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगा।

डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग, आईएएस करेंगे । तेलंगाना सरकार के विशेष मुख्य सचिव श्री जयेश रंजन , भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन , इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन प्रोफेसर मदन एम. पिल्लुटला और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) की महानिदेशक सुश्री गीता सिंह राठौर सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे और अपने विचार साझा करेंगे।

इस कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागी भाग लेंगे , जिनमें शोधकर्ता, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, औद्योगिक संघ और व्यापार निकाय, नीति निर्माता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, उद्यमों के प्रतिनिधि और साथ ही शिक्षा जगत और मीडिया के प्रतिष्ठित संस्थान शामिल होंगे। डोमेन विशेषज्ञ और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र, पैनल चर्चा और एक खुली चर्चा होगी।

इन उद्यम और निवेश-संबंधी सर्वेक्षणों पर तकनीकी सत्र नमूनाकरण डिजाइन, कवरेज और अपनाए गए पद्धतिगत नवाचारों का अवलोकन प्रदान करेंगे। इन सत्रों में डेटा उत्पादकों और उपयोगकर्ताओं दोनों की प्रस्तुतियाँ होंगी, जो सर्वेक्षण प्रक्रियाओं और निष्कर्षों पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेंगी। क्षेत्रवार रुझान, उद्यम व्यवहार और उभरती निवेश रणनीतियों सहित प्रमुख अंतर्दृष्टि पर प्रकाश डाला जाएगा। चर्चाएँ क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों को आकार देने, उद्यम डेटा प्रणालियों को मजबूत करने और दूरगामी आर्थिक विश्लेषण का समर्थन करने में इन सर्वेक्षणों की प्रासंगिकता का भी पता लगाएंगी।

इसके बाद एक पैनल चर्चा होगी, जिसमें प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिनमें क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री श्री धर्मकीर्ति जोशी चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज (एमआईडीएस) के निदेशक डॉ. एम. सुरेश बाबू ; बिट्स पिलानी के प्रोफेसर ऋषि कुमार ; तिरुवनंतपुरम के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज (सीडीएस) के निदेशक प्रोफेसर सी. वीरमणि ; और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की वरिष्ठ फेलो और उप निदेशक डॉ. पल्लवी चौधरी शामिल हैं । पैनलिस्ट शोध, नीति निर्माण और उद्योग विश्लेषण के लिए डेटा के महत्व पर अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे।

पैनल चर्चा से सर्वेक्षण निष्कर्षों के व्यावहारिक निहितार्थों की गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है। यह संभवतः डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने, नीति प्रासंगिकता बढ़ाने और डेटा अंतराल को संबोधित करने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें उत्पन्न करेगा। संवाद अधिक उत्तरदायी और सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा उत्पादकों और उपयोगकर्ताओं के बीच सहयोग को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है।

पैनल चर्चा के बाद, खुली बातचीत के लिए मंच खोला जाएगा , जिससे प्रतिभागी सीधे वक्ताओं और पैनलिस्टों से जुड़ सकेंगे। सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं से प्राप्त विचारों और निष्कर्षों की संक्षिप्त रूपरेखा के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। यह सम्मेलन देश के सांख्यिकीय ढांचे को बढ़ाने के लिए सांख्यिकी मंत्रालय की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया है।

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