केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत आरईएससीओ मॉडल/यूटिलिटी आधारित एकत्रीकरण मॉडल के लिए ‘भुगतान सुरक्षा तंत्र’ घटक और ‘केंद्रीय वित्तीय सहायता’ घटक के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं।
यह योजना उपभोक्ताओं के लिए छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए दो वैकल्पिक कार्यान्वयन मॉडल प्रस्तुत करती है: आरईएससीओ (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी) मॉडल, जहां तीसरे पक्ष की संस्थाएं छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में निवेश करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बिना किसी अग्रिम लागत को वहन किए केवल उपभोग की गई बिजली के लिए भुगतान करना पड़ता है; और यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन (यूएलए) मॉडल, जहां डिस्कॉम या राज्य द्वारा नामित संस्थाएं व्यक्तिगत आवासीय क्षेत्र के घरों की ओर से छतों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करेंगी।
इस योजना घटक के अंतर्गत, आवासीय क्षेत्र में आरईएससीओ-आधारित ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सौर मॉडलों में निवेश को जोखिम मुक्त करने के लिए भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) के लिए 100 करोड़ रुपये की निधि निर्धारित की गई है, जिसे मंत्रालय की उचित मंजूरी के बाद अन्य अनुदानों, निधियों और स्रोतों के माध्यम से पूरक किया जा सकता है।
यह स्पष्ट किया जाता है कि ये दिशानिर्देश राष्ट्रीय पोर्टल (https://www.pmsuryaghar.gov.in/) के माध्यम से उपभोक्ताओं द्वारा किए जाने वाले कार्यान्वयन के मौजूदा तरीके (कैपेक्स मोड) के अतिरिक्त हैं, और ये वैकल्पिक मॉडल योजना के राष्ट्रीय पोर्टल-आधारित कार्यान्वयन के पूरक होंगे।
योजना के दिशानिर्देश यहां देखे जा सकते हैं
नवीन श्रीजीत