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केंद्रीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की तैयारियों की समीक्षा की

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 न केवल सफल होगा, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायी होगा: श्री प्रतापराव जाधव

श्री प्रतापराव जाधव, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय और केंद्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2025 के लिए चल रही तैयारियों का आकलन करने के लिए 7 मई को नई दिल्ली में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसे दुनिया भर में 21 जून 2025 को मनाया जाएगा।

बैठक के दौरान मंत्री महोदय ने इस वर्ष के योग उत्सव को सचमुच असाधारण और विश्वव्यापी रूप से प्रभावशाली बनाने के सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए, केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि “हम यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 न केवल एक बड़ी सफलता हो, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने।”

उन्होंने सभी हितधारकों को इस आयोजन में नई ऊर्जा और एकता के साथ भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि प्रयासों में ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ की भावना झलकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “आइए हम योग के माध्यम से समग्र कल्याण के संदेश को देश के हर कोने और दुनिया के हर हिस्से तक पहुँचाएँ।”

बैठक में आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। समीक्षा में प्रमुख पहलों की योजना और कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया जैसे:

  • योग संगम – स्कूलों, अस्पतालों और कॉर्पोरेट्स जैसी संस्थाओं के साथ योग का एकीकरण
  • हरित योग – योग से जुड़े वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से पर्यावरण-चेतना को बढ़ावा देना
  • योग कनेक्ट – योग समारोहों में वैश्विक और प्रवासी समुदायों को शामिल करना
  • योग बंधन – जन भागीदारी के माध्यम से सामाजिक एकता और साझा कल्याण को बढ़ावा देना

श्री जाधव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में संदेश और भागीदारी को बढ़ाने के लिए युवाओं, शैक्षणिक संस्थानों और सामुदायिक नेताओं को शामिल करने के महत्व पर भी जोर दिया।

प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी शुरुआत के बाद से एक वैश्विक सांस्कृतिक और कल्याण आंदोलन के रूप में विकसित हो चुका है।

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एमवी/एकेएस

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