लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे ने चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं शुरू करने की योजना बनाई है, जिनका उद्देश्य यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज परिवहन सुनिश्चित करना है; ये पहल यात्रा की सुविधा में सुधार लाएगी, लॉजिस्टिक लागत को कम करेगी, तेल आयात को कम करेगी और कम CO2 उत्सर्जन में योगदान देगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल संचालन को समर्थन मिलेगा।
परियोजनाओं का उद्देश्य कोयला, लौह अयस्क और अन्य खनिजों के लिए प्रमुख मार्गों पर लाइन क्षमता में वृद्धि करके लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है; ये सुधार आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित करेंगे, जिससे त्वरित आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।
परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 18,658 करोड़ रुपये है और इसे 2030-31 तक पूरा किया जाएगा।
परियोजनाएं निर्माण के दौरान लगभग 379 लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेंगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये (लगभग) है। महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे तीन राज्यों के 15 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 1247 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।
इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
- संबलपुर – जरापदा तीसरी और चौथी लाइन
- झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
- खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा 5वीं और 6वीं लाइन
- गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता प्राप्त होगी। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएंगे और भीड़भाड़ को कम करेंगे, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढाँचागत विकास होगा। ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के नए भारत के विज़न के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगा, जिससे उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
इन परियोजनाओं के साथ 19 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (गढ़चिरौली और राजनांदगांव) की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख आबादी की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, इससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बनेंगी।
ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 88.77 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (95 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (477 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।