न्याय विभाग आज यहां भारत के अग्रणी राजनेताओं, न्यायविदों और समाज सुधारकों में से एक डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 135 वीं जयंती मना रहा है।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्पित कर दिया और महिलाओं, मजदूरों और हाशिए के समुदायों के लिए समान अधिकार हासिल करने के लिए अथक प्रयास किए। उनके दृष्टिकोण ने एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की नींव रखी, जैसा कि भारत के संविधान में परिलक्षित होता है, जिसका मसौदा तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
अंबेडकर जयंती, जिसे समानता दिवस के रूप में भी जाना जाता है , सामाजिक न्याय और कानून के शासन में डॉ. अंबेडकर के अमूल्य योगदान की याद में मनाई जाती है। उनकी स्थायी विरासत के सम्मान में, 14 अप्रैल 2025 को पूरे भारत में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है ।
यह दिन न केवल समाज और संविधान के लिए डॉ. अंबेडकर के महान योगदान को याद करने का दिन है, बल्कि उनके द्वारा समर्थित सिद्धांतों – समानता, न्याय और सभी के लिए सम्मान – को बनाए रखने का आह्वान भी है ।
यह दिन हमारे राष्ट्र के लिए बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के उल्लेखनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए बहुत महत्व रखता है, विशेष रूप से सामाजिक न्याय, समानता और भारतीय संविधान के प्रारूपण के क्षेत्र में ।
उनकी जयंती मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने की। इस कार्यक्रम में सचिव (न्याय), वरिष्ठ अधिकारी और न्याय विभाग के अधिकारी/कर्मचारी भी मौजूद थे।
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सम्राट: pibpiolaw[at]gmail[dot]com