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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार के मधुबनी में 13,480 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शुभारंभ किया

पिछले दशक में पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, पंचायतों को तकनीक के माध्यम से मजबूत किया गया है: PM

पिछले दशक में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है: PM

बीता दशक भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का दशक रहा है: PM

मखाना आज देश और दुनिया के लिए सुपरफूड है, लेकिन मिथिला में तो ये संस्कृति का हिस्सा है, यहां की समृद्धि का स्रोत है: PM

140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के दोषियों की कमर तोड़ देगी: PM

आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा, न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा, पूरा देश इस संकल्प में दृढ़ है: PM

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार के मधुबनी में 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमलों में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखने और प्रार्थना करने की अपील की। ​​इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायती राज दिवस के अवसर पर पूरा देश मिथिला और बिहार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के उद्देश्य से हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली, रेलवे और बुनियादी ढांचे में ये पहल बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी। उन्होंने महान कवि और राष्ट्रीय प्रतीक रामधारी सिंह दिनकर जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

बिहार को महात्मा गांधी की भूमि बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था। उन्होंने महात्मा गांधी के इस दृढ़ विश्वास को रेखांकित किया कि भारत का तीव्र विकास तभी संभव है जब इसके गांव मजबूत हों। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंचायती राज की अवधारणा इसी भावना में निहित है। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कदम उठाए गए हैं। पंचायतों को मजबूत बनाने में प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले एक दशक में 2 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें इंटरनेट से जुड़ी हैं।” श्री मोदी ने बताया कि गांवों में 5.5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि पंचायतों के डिजिटलीकरण से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र और भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों तक आसान पहुंच जैसे अतिरिक्त लाभ हुए हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद देश को एक नया संसद भवन मिला है, वहीं देश भर में 30,000 नए पंचायत भवन भी बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायतों के लिए पर्याप्त धन सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में पंचायतों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई है जिसका उपयोग गांवों के विकास के लिए किया गया है।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्राम पंचायतों के सामने सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद से जुड़ी है। उन्होंने इस बात पर अक्सर असहमति जताई कि कौन सी भूमि आवासीय है, कृषि योग्य है, पंचायत के स्वामित्व वाली है या सरकारी स्वामित्व वाली है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समस्या के समाधान के लिए भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे अनावश्यक विवादों को प्रभावी ढंग से हल करने में मदद मिली है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पंचायतों ने सामाजिक भागीदारी को मजबूत किया है, उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, दलितों, महादलितों, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े समुदायों की बड़ी संख्या में महिलाएं जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर रही हैं, उन्होंने इसे सच्चा सामाजिक न्याय और वास्तविक सामाजिक भागीदारी बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिक भागीदारी से लोकतंत्र फलता-फूलता है और मजबूत होता है। इस दृष्टिकोण को दर्शाते हुए, श्री मोदी ने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान करने वाला कानून भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्यों की महिलाओं को लाभ होगा, जिससे हमारी बहनों और बेटियों को अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा।

इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार महिलाओं की आय बढ़ाने और रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, श्री मोदी ने बिहार में ‘जीविका दीदी’ कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिसने कई महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को लगभग ₹1,000 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, यह देखते हुए कि यह महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को और मजबूत करेगा और देश भर में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य में योगदान देगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में ग्रामीण अर्थव्यवस्था ने नई गति प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि गांवों में गरीबों के लिए घर, सड़कें, गैस कनेक्शन, पानी के कनेक्शन और शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों करोड़ रुपये आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं, जिससे मजदूरों, किसानों, वाहन चालकों और दुकानदारों को लाभ हुआ है और उन्हें आय के नए रास्ते मिले हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे विशेष रूप से उन समुदायों को लाभ हुआ है जो पीढ़ियों से वंचित थे। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उदाहरण दिया, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में कोई भी परिवार बेघर न रहे और सभी के सिर पर पक्की छत हो। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में इस योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अकेले बिहार में 57 लाख गरीब परिवारों को पक्के घर मिले हैं। उन्होंने कहा कि ये घर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, दलितों और पिछड़े तथा अति पिछड़े समुदायों जैसे पसमांदा परिवारों को दिए गए हैं। श्री मोदी ने घोषणा की कि आने वाले वर्षों में गरीबों को 3 करोड़ और पक्के घर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज बिहार में लगभग 1.5 लाख परिवार अपने नए पक्के घरों में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में 15 लाख गरीब परिवारों को नए घरों के निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें बिहार के 3.5 लाख लाभार्थी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आज लगभग 10 लाख गरीब परिवारों को उनके पक्के घरों के लिए वित्तीय सहायता भेजी गई है, जिनमें बिहार के 80,000 ग्रामीण परिवार और 1 लाख शहरी परिवार शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछला दशक भारत के लिए बुनियादी ढांचे के विकास का दशक रहा है”, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह आधुनिक बुनियादी ढांचा एक विकसित भारत की नींव को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार, 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में नल के पानी के कनेक्शन मिले हैं, उन्होंने रेखांकित किया कि 2.5 करोड़ से अधिक घरों में बिजली पहुंच चुकी है, और जिन लोगों ने कभी गैस चूल्हे पर खाना पकाने की कल्पना भी नहीं की थी, उन्हें अब गैस सिलेंडर मिल गए हैं। उन्होंने कहा, “यहां तक ​​कि लद्दाख और सियाचिन जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी, जहां बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मुश्किल है, 4 जी और 5 जी मोबाइल कनेक्शन अब स्थापित हो चुके हैं, जो देश की वर्तमान प्राथमिकताओं को दर्शाता है।” प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा में प्रगति पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि एम्स जैसे संस्थान कभी दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित थे। उन्होंने घोषणा की कि अब दरभंगा में एम्स की स्थापना की जा रही है, और पिछले एक दशक में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है और झंझारपुर में एक नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गांवों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए, देश भर में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं, जिनमें बिहार में 10,000 से अधिक मंदिर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत बन गए हैं, जो 80% छूट पर दवाइयाँ उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अब 800 से अधिक जन औषधि केंद्र हैं, जिससे लोगों को चिकित्सा व्यय में 2,000 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत योजना के तहत, बिहार में लाखों परिवारों को मुफ्त इलाज मिला है, जिसके परिणामस्वरूप इन परिवारों के हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है।

श्री मोदी ने कहा, “भारत रेलवे, सड़क और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के माध्यम से अपनी कनेक्टिविटी को तेजी से आगे बढ़ा रहा है”, उन्होंने कहा कि पटना में मेट्रो परियोजनाएं चल रही हैं और देश भर के दो दर्जन से अधिक शहर अब मेट्रो सुविधाओं से जुड़ चुके हैं। उन्होंने पटना और जयनगर के बीच ‘नमो भारत रैपिड रेल’ सेवा शुरू करने की घोषणा की, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, और इस बात पर जोर दिया कि इस विकास से समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और बेगूसराय के लाखों लोगों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने बिहार में कई नई रेल लाइनों के उद्घाटन और शुभारंभ का भी जिक्र किया, जिसमें सहरसा और मुंबई के बीच आधुनिक अमृत भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत पर प्रकाश डाला गया, जिससे श्रमिक परिवारों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार मधुबनी और झंझारपुर सहित बिहार के कई रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दरभंगा हवाई अड्डे से मिथिला और बिहार में हवाई संपर्क में काफी सुधार हुआ है और पटना हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ये विकास परियोजनाएं बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही हैं।”

श्री मोदी ने कहा, “किसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, यह रीढ़ जितनी मजबूत होगी, गांव उतना ही मजबूत होगा और परिणामस्वरूप, राष्ट्र भी मजबूत होगा।” उन्होंने मिथिला और कोसी क्षेत्रों में बाढ़ की लगातार चुनौतियों पर प्रकाश डाला, और कहा कि सरकार बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस निवेश से बागमती, धार, बूढ़ी गंडक और कोसी जैसी नदियों पर बांध बनाने में मदद मिलेगी, साथ ही नहरों का विकास किया जाएगा, जिससे नदी के पानी से सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, “इस पहल से न केवल बाढ़ से संबंधित समस्याएं कम होंगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि हर किसान के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे।”

श्री मोदी ने कहा, “मिथिला का सांस्कृतिक प्रधान खाद्य पदार्थ मखाना अब सुपरफूड के रूप में वैश्विक मान्यता प्राप्त कर चुका है।” उन्होंने बताया कि मखाना को जीआई टैग दिया गया है, जो इसे आधिकारिक तौर पर इस क्षेत्र के उत्पाद के रूप में प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा कि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा दिया गया है। उन्होंने मखाना बोर्ड की बजट घोषणा पर भी प्रकाश डाला, जिससे मखाना किसानों की किस्मत बदलने की उम्मीद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार का मखाना अब सुपरफूड के रूप में अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जा रही है, जो युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता करेगा। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि बिहार कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन में भी लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मछुआरों को अब किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल रहा है, जिससे मत्स्य पालन से जुड़े कई परिवारों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत बिहार में सैकड़ों करोड़ रुपये की परियोजनाएं क्रियान्वित की गई हैं।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि पूरा देश व्यथित है और शोकाकुल परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा उपचार करा रहे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने परिवारों को हुए भारी नुकसान पर प्रकाश डाला, जहां कुछ ने अपने बेटे, भाई या जीवन साथी खो दिए, उन्होंने कहा कि पीड़ित विभिन्न भाषाई और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि से थे – कुछ बंगाली, कन्नड़, मराठी, ओडिया, गुजराती बोलते थे, और कुछ बिहार से थे। यह रेखांकित करते हुए कि कारगिल से कन्याकुमारी तक, इस हमले पर पूरे देश में समान रूप से दुख और आक्रोश है, श्री मोदी ने कहा कि यह हमला केवल निहत्थे पर्यटकों पर नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा पर एक निर्लज्ज हमला था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में घोषणा की, “इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी”, उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंकवाद के दोषियों की रीढ़ तोड़ देगी।’’

प्रधानमंत्री ने बिहार की धरती से घोषणा की कि भारत हर आतंकवादी, उसके आकाओं और उसके समर्थकों की पहचान करेगा, उन्हें ट्रैक करेगा और उन्हें दंडित करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत उन्हें धरती के कोने-कोने तक खदेड़ देगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी और आतंकवाद को दंडित किया जाएगा। न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ इस संकल्प में दृढ़ है।” उन्होंने आगे कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति इस मुश्किल समय में भारत के साथ खड़ा है। उन्होंने विभिन्न देशों के लोगों और नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस मुश्किल समय में भारत का साथ दिया।

श्री मोदी ने कहा कि, “तेजी से विकास के लिए शांति और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण शर्त है”, उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित बिहार आवश्यक है। उन्होंने यह कहते हुए अपने भाषण का समापन किया कि बिहार में विकास सुनिश्चित करने और राज्य के हर वर्ग और हर क्षेत्र तक प्रगति का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पंचायती राज दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

The Governor of Bihar, Shri Arif Mohammed Khan, Chief Minister of Bihar, Shri Nitish Kumar, Union Ministers Shri Rajiv Ranjan Singh, Shri Jitan Ram Manji, Shri Giriraj Singh, Shri Chirag Paswan, Shri Nityanand Rai, Shri Ram Nath Thakur, Dr. Raj Bhushan Choudhary were present among other dignitaries at the event.

पृष्ठभूमि 

प्रधानमंत्री ने बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को मान्यता प्रदान करते हुए राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए। 

प्रधानमंत्री ने बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ में लगभग 340 करोड़ रुपये की लागत से रेल अनलोडिंग सुविधा वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इससे आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने और थोक एलपीजी परिवहन की दक्षता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने 1,170 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत बिहार में बिजली क्षेत्र में 5,030 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। 

देश भर में रेल संपर्क बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री ने सहरसा और मुंबई के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस, जयनगर और पटना के बीच नमो भारत रैपिड रेल और पिपरा और सहरसा तथा सहरसा और समस्तीपुर के बीच ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने सुपौल पिपरा रेल लाइन, हसनपुर बिथान रेल लाइन और छपरा और बगहा में दो 2-लेन रेल ओवर ब्रिज का भी उद्घाटन किया। उन्होंने खगड़िया-अलौली रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं से संपर्क में सुधार होगा और क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत बिहार के 2 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के अंतर्गत लगभग 930 करोड़ रुपये का लाभ वितरित किया।

प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई-ग्रामीण के 15 लाख नए लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र सौंपे और देश भर के 10 लाख पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को किस्तें जारी कीं। उन्होंने बिहार में 1 लाख पीएमएवाई-जी और 54,000 पीएमएवाई-यू घरों में गृह प्रवेश के अवसर पर कुछ लाभार्थियों को चाबियाँ भी सौंपीं।

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एमजेपीएस/एसआर

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