वाशिंगटन – भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि देश की मुद्रास्फीति में कमी आ रही है, लेकिन केंद्रीय बैंक अप्रत्याशित मौसम संबंधी और भू-राजनीतिक घटनाओं के कारण मुद्रास्फीति के बढ़ने के जोखिम के प्रति सतर्क रहेगा।
वाशिंगटन में पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दास ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ठोस गति से बढ़ रही है और विकास व मुद्रास्फीति का संतुलन “अच्छी तरह संतुलित” है।
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लचीलेपन ने भारत के केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करने तथा इसे 4% के लक्ष्य के आसपास रखने पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर दिया है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही जब वित्त प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों के लिए वाशिंगटन में बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्रीय बैंक ने अपने 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य के आसपास 2% की ऊपरी और निचली सीमा तय की है, लेकिन वह मुद्रास्फीति को 4% के स्तर पर लाने और इसे लक्ष्य के “जितना संभव हो सके” करीब रखने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, “भारत में मुद्रास्फीति कम हो रही है। लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते” क्योंकि अप्रत्याशित मौसम के कारण फसलें प्रभावित हो सकती हैं, भू-राजनीतिक घटनाएं हो सकती हैं और आपूर्ति में रुकावटें आ सकती हैं।
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर वित्तीय क्षेत्र सुदृढ़ और लचीला बना हुआ है।” “लेकिन हम निश्चित रूप से तेजी से बदलते परिवेश के बीच आत्मसंतुष्ट नहीं हैं।”
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रिपोर्टिंग: लाइका किहारा; संपादन: पॉल सिमाओ