सरकार के पिछले 11 वर्षों में आंगनवाड़ी सेवाओं और महिला-बाल कल्याण योजनाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।
इस दशक ने नारी शक्ति के नेतृत्व में एक नए भारत की नींव रखी है: श्रीमती सावित्री ठाकुर
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (डब्ल्यूसीडी) भारत सरकार, श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज आउटरीच और फील्ड निरीक्षण कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश के इंदौर के सेठी नगर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) का दौरा किया। मंत्री के साथ राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और आईसीडीएस हितधारक भी थे।
राज्य मंत्री ने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दी जा रही सेवाओं की समीक्षा की तथा महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के हस्तक्षेपों के जमीनी स्तर पर प्रभाव को समझने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू), लाभार्थियों और समुदाय के साथ बातचीत की।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार आंगनवाड़ी के बुनियादी ढांचे में परिवर्तन, डिजिटल उपकरणों (पोषण ट्रैकर) की शुरूआत और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण ने आंगनवाड़ियों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में अधिक उत्तरदायी और कुशल बना दिया है।
राज्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आंगनवाड़ी केंद्र केवल पोषण वितरण केंद्र नहीं हैं, बल्कि पोषण 2.0 ढांचे के तहत सक्षम आंगनवाड़ी के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और विकास के जीवंत, आधुनिक केंद्र बन रहे हैं।
मंत्री महोदया ने आंगनवाड़ी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, अंतिम छोर तक सेवा वितरण सुनिश्चित करने और भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने दोहराया कि आंगनवाड़ी केंद्र सामाजिक न्याय के प्रमुख साधन हैं, जो भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य और विकास का समर्थन करते हैं।
राज्य मंत्री ने मोदी सरकार की पिछले 11 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धियों को रेखांकित किया, जिसमें महिलाओं और बच्चों के उत्थान, सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है। उन्होंने इस दिशा में देश भर में सफलतापूर्वक लागू की गई योजनाओं की विस्तृत श्रृंखला के बारे में विस्तार से बताया।
पृष्ठभूमि नोट :
महिला एवं बाल कल्याण में परिवर्तन का एक दशक
पोषण एवं मातृ-शिशु स्वास्थ्य
- पोषण अभियान / पोषण 2.0 – समुदाय आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण, एनीमिया और बौनेपन को कम करने के लिए भारत का प्रमुख कार्यक्रम।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) – गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आराम और पोषण सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता।
- मिशन इन्द्रधनुष – बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु निःशुल्क टीकाकरण।
- एनीमिया मुक्त भारत – आईएफए अनुपूरण और कृमि मुक्ति के माध्यम से महिलाओं, बच्चों और किशोरों में एनीमिया को कम करने के लिए एक केंद्रित पहल।
शिक्षा एवं सशक्तिकरण
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) – बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देना; जागरूकता अभियान और बालिका नामांकन में सुधार।
- सुकन्या समृद्धि योजना – कर लाभ और उच्च ब्याज रिटर्न वाली बालिकाओं के लिए एक बचत योजना।
- डिजिटल साक्षरता अभियान (दिशा) – विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना।
- कौशल भारत मिशन – रोजगार और उद्यमिता के लिए विभिन्न ट्रेडों में महिलाओं के लिए समर्पित कौशल कार्यक्रम।
- उज्ज्वला योजना – बीपीएल परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और कठिन परिश्रम को कम करना।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) – महिलाओं के नाम पर पंजीकृत या सह-पंजीकृत मकान, संपत्ति के स्वामित्व और सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं।
सुरक्षा, अधिकार और निवारण
- वन स्टॉप सेंटर (सखी केंद्र) – हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए कानूनी, मनोवैज्ञानिक और चिकित्सा सहायता सहित एकीकृत सहायता सेवाएं।
- महिला हेल्पलाइन – 181 – संकटग्रस्त महिलाओं के लिए 24×7 हेल्पलाइन।
- शी-बॉक्स – कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए ऑनलाइन शिकायत पोर्टल।
- चाइल्डलाइन 1098 – देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया हेल्पलाइन।
- ट्रिपल तलाक कानून (2019) – तत्काल ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध घोषित करना, मुस्लिम महिलाओं के लिए सम्मान और न्याय सुनिश्चित करना।
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम – दुर्व्यवहार के शिकार नाबालिगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु इसे मजबूत बनाया गया।
- किशोर न्याय अधिनियम – बाल कल्याण समितियों और संस्थागत देखभाल को सशक्त बनाना।
वित्तीय समावेशन और सहायता
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) – शून्य शेष खातों और डीबीटी लिंकेज के साथ महिलाओं की वित्तीय पहुंच को सक्षम बनाना।
- स्टैंड अप इंडिया – अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण।
- मुद्रा योजना – महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए सूक्ष्म वित्तपोषण।
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एसएस/एमएस