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यार्ड 82 (एलएसएएम 14) की डिलीवरी

सातवें  मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज (एमसीए) बार्ज, एलएसएएम 14 (यार्ड 82) का प्रेरण समारोह  07 जनवरी 25 को  नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कमांडर गौरव डूगर, जीएम (एचआर), एनडी (एमबीआई) थे।  

आठ  एमसीए बार्ज के निर्माण और डिलीवरी का अनुबंध   एमएसएमई शिपयार्ड ,  मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के साथ  19 फरवरी 21 को  संपन्न हुआ। इन बार्ज को  शिपयार्ड द्वारा भारतीय शिप डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है और उनकी समुद्री योग्यता सुनिश्चित करने के लिए नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में सफलतापूर्वक मॉडल परीक्षण किया गया है। बार्ज का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के प्रासंगिक नौसेना नियमों और विनियमों   के अनुसार किया गया है।  एमसीए बार्ज भारत सरकार की मेक इन इंडिया  और  आत्मनिर्भर भारत पहल  के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं   और एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं।

इनमें से छह एमसीए बजरे पहले ही नौसेना में शामिल किए जा चुके हैं और ये भारतीय नौसेना के परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान कर रहे हैं, जिससे   जेटी के किनारे और बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों तक  सामग्री/गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ने और उतरने में सुविधा होगी।

वीएम/एसपीएस   

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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब केवल रॉकेट के प्रक्षेपण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पारदर्शिता, शिकायत निवारण और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर शासन में क्रांति लाने में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है।”

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