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रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग ने चेन्नई में “रासायनिक और पेट्रोरसायन औद्योगिक सुरक्षा” पर चौथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया; आदर्श वाक्य: “सुरक्षा पहले, स्थिरता हमेशा: लोगों और ग्रह की रक्षा!”

विकसित भारत@2047 के लिए भारत सरकार की कार्य योजना के एक भाग के रूप में, रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने 23-24 जनवरी 2025 के दौरान चेन्नई में पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईपीटी) – चेन्नई, केंद्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) के एक केंद्र में “रासायनिक और पेट्रोरसायन औद्योगिक सुरक्षा” पर चौथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया , जिसमें रासायनिक और पेट्रोरसायन क्षेत्र में प्रमुख दुर्घटना जोखिम (एमएएच) इकाइयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

यह कार्यक्रम औद्योगिक रासायनिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें देश भर में पहचानी गई 2393 प्रमुख दुर्घटना जोखिम इकाइयों को शामिल किया गया है। अगले पांच वर्षों की अवधि में इन सभी एमएएच इकाइयों को कवर करने के लिए कुल 48 प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 65 एमएएच उद्योगों के 113 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सीएलआरआई, अन्ना विश्वविद्यालय, डॉ. एमजीआर शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थान, थिरुमलाई केमिकल्स और विभिन्न परामर्शदात्री फर्मों के तकनीकी विशेषज्ञों ने सुरक्षा, पर्यावरण और खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल विषयगत क्षेत्रों में कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य, प्रक्रिया सुरक्षा प्रबंधन, अग्रिम जोखिम आकलन तकनीक, विष विज्ञान, खतरे की पहचान तकनीक, आपातकालीन तैयारी, रासायनिक सुरक्षा में आईसीटी और अन्य प्रौद्योगिकियों की भूमिका, वैश्विक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली, हानि के आंकड़े और हानि की रोकथाम, पर्यावरण की रोकथाम और रिसाव की रोकथाम, खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन, रसायनों की लेबलिंग और सुरक्षा डाटा शीट (एसडीएस) और आग एवं विस्फोट सुरक्षा शामिल थे।

औद्योगिक कर्मचारियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए, कोठारी पेट्रोकेमिकल्स के सहयोग से सीआईपीईटी: आईपीटी चेन्नई में एक मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया।

एमवी/एकेएस

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