भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 3 अप्रैल, 2025 को जयपुर के मैरियट होटल में एनएसएस के 80 वें दौर के हिस्से के रूप में शिक्षा पर व्यापक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (सीएमएस) के लिए प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला (एआईडब्ल्यूओटी) का आयोजन किया। एनएसओ अप्रैल से जून 2025 तक सीएमएस (शिक्षा) का संचालन करेगा।
भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में शिक्षा सर्वेक्षण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण में सर्वेक्षणों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और उच्च गुणवत्ता वाले, समयबद्ध डेटा की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. गर्ग ने प्रतिभागियों से डेटा संग्रह और प्रसंस्करण में कठोर मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया और सुचारू सर्वेक्षण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और मंत्रालय के दायरे में अन्य प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ सक्रिय जुड़ाव के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में एनएसएस महानिदेशक सुश्री गीता सिंह राठौर के साथ-साथ एनएसएस के विभिन्न प्रभागों के अतिरिक्त महानिदेशक और उप महानिदेशक भी शामिल हुए। फील्ड ऑपरेशन्स डिवीजन (एफओडी) के सभी क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय कार्यालयों के क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ शिक्षा मंत्रालय, जनसंख्या परिषद संस्थान और अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के राज्य आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालयों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
प्रतिभागियों को कार्यक्रम तैयार करने की कला का लाइव प्रदर्शन और सीएपीआई पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
सीएमएस (शिक्षा) का उद्देश्य शिक्षा से संबंधित संकेतकों पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करना है, जिसमें शिक्षा पर घरेलू व्यय पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
सर्वेक्षण में संपूर्ण भारतीय संघ को शामिल किया जाएगा, सिवाय अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उन दूरदराज के गांवों को छोड़कर, जहां पहुंचना कठिन है।
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सम्राट/एलन