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DDUG में एडमिशन लेने की मची होड़, 23 राज्यों के 1500 छात्रों ने किया आवेदन, जानिए वजह

रजत भटृ/गोरखपुर: ‘DDUG’ दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में सिर्फ पूर्वांचल के छात्र ही नहीं, बल्कि 23 अलग-अलग राज्य के छात्रों ने भी एडमिशन लेने के लिए दिलचस्पी दिखाई है. इन 23 राज्यों में जम्मू कश्मीर भी है. जहां के छात्र गोरखपुर यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी के तरफ से बताया गया है कि अभी प्रवेश की प्रक्रिया 8 जून तक चलेगी. ऐसे में यह संख्या और भी बढ़ सकती है. कई छात्र अभी भी प्रवेश ले सकते हैं. यूनिवर्सिटी में छात्रों का रुझान बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यूनिवर्सिटी में कई प्रकार के रिसर्च और ऑनर्स के विकल्प के साथ 4 वर्ष का स्नातक कार्यक्रम भी है.

यूनिवर्सिटी की यह खास सुविधा
दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में देश भर के छात्रों का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है. यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर सहित 23 राज्यों से विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है. यूनिवर्सिटी की व्यवस्था में नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस, क्यूएस की दक्षिण एशिया रैंकिंग सहित विभिन्न रैंकिंग में स्थान बनाने की वजह से, विश्वविद्यालय की छवि काफी अच्छी रही और बढ़ी है. इसके साथ ही स्टूडेंट के लिए यूनिवर्सिटी ने अपने स्नातक पाठ्यक्रम में कई कौशल विकास पाठ्यक्रम भी शामिल किए हैं. यूनिवर्सिटी के कुछ खास पहल और सुविधा है. जिसके वजह से विदेशी और देश के अलग राज्यों के छात्रों का इंटरेस्ट यूनिवर्सिटी के लिए बढ़ा है.

रोजगार पाठ्यक्रम की सुविधा
गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन बताती है कि, पिछले कुछ सालों से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में देश के अलग-अलग राज्यों के छात्रों का भी इंटरेस्ट बढ़ा है. इसके साथ इस साल 10 अलग-अलग देशों के 50 विद्यार्थियों ने भी आवेदन किया है. यह आवेदन ‘स्टडी इन इंडिया’ पोर्टल के जरिए ली गई है. कुलपति ने बताया कि, स्टूडेंट की उत्साह के लिए यूनिवर्सिटी में कई नए पाठ्यक्रम जोड़े जाते हैं. जिससे उन्हें लाभ मिलेगा, वही ‘रोजगार पाठ्यक्रम’ को लेकर नई पहल और कार्यक्रम ने भी देश के छात्रों का ध्यान आकर्षित किया है. जिससे विश्वविद्यालय का स्तर और बढ़ा है. जिसकी वजह से राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में और ऊपर तक यूनिवर्सिटी जाएगा. यही कारण है कि, अलग-अलग राज्यों के और विदेशी छात्रों की भी रुझान यूनिवर्सिटी के लिए बढ़ रहा है.

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