इंटरनेट तक पहुंच बढ़ाना, ग्रामीण प्रगति का विस्तार करना
- प्रश्न: भारतनेट परियोजना क्या है?
उत्तर: भारतनेट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है । यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण दूरसंचार परियोजनाओं में से एक है।
- प्रश्न: भारतनेट परियोजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य उद्देश्य सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तक अप्रतिबंधित पहुँच प्रदान करना है । यह मोबाइल ऑपरेटरों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी), केबल टीवी ऑपरेटरों और सामग्री प्रदाताओं जैसे पहुँच प्रदाताओं को ग्रामीण और दूरदराज के भारत में ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसी विभिन्न सेवाएँ शुरू करने में सक्षम बनाता है । इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना और शहरी और ग्रामीण समुदायों के बीच की खाई को पाटना है।
- प्रश्न: भारतनेट के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों को लक्षित किया गया है?
उत्तर: इस परियोजना का प्रारंभिक लक्ष्य देश भर में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ना था ।
- प्रश्न: भारतनेट परियोजना के विभिन्न चरण क्या हैं?
उत्तर: दूरसंचार आयोग ने 30.04.2016 को तीन चरणों में परियोजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी:
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- चरण I: मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके 1 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने पर ध्यान केंद्रित किया गया । यह चरण दिसंबर 2017 में पूरा हुआ
- चरण II (चल रहा है): ऑप्टिकल फाइबर, रेडियो और सैटेलाइट तकनीकों का उपयोग करके अतिरिक्त 1.5 लाख ग्राम पंचायतों तक कवरेज का विस्तार किया गया । इस चरण में राज्य सरकारों और निजी संस्थाओं के साथ सहयोगात्मक प्रयास शामिल किए गए।
- चरण III (चल रहा है): इसका उद्देश्य 5G तकनीकों को एकीकृत करके, बैंडविड्थ क्षमता को बढ़ाकर और मजबूत अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करके नेटवर्क को भविष्य के लिए तैयार करना है । यह चरण जारी है । अगस्त 2023 में स्वीकृत संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (ABP) को इस विकास का हिस्सा माना जा सकता है।
- प्रश्न: संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (एबीपी) क्या है?
उत्तर: अगस्त 2023 में स्वीकृत , ABP एक डिज़ाइन सुधार है जिसका लक्ष्य रिंग टोपोलॉजी (एक नेटवर्क डिज़ाइन जहाँ कनेक्टेड डिवाइस एक गोलाकार डेटा चैनल बनाते हैं) में 2.64 लाख GPs को ऑप्टिकल फाइबर (OF) कनेक्टिविटी और मांग पर शेष गैर-GP गाँवों को OF कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसमें ब्लॉक और GPs पर राउटर के साथ IP-MPLS (इंटरनेट प्रोटोकॉल मल्टी-प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग) नेटवर्क, 10 साल के लिए संचालन और रखरखाव, पावर बैकअप और रिमोट फाइबर मॉनिटरिंग सिस्टम (RFMS) जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। आवंटित लागत 1,39,579 करोड़ रुपये है ।
- प्रश्न: ग्रामीण भारत में डिजिटल सशक्तिकरण को समर्थन देने वाली अन्य कौन सी पहल हैं?
उत्तर: कई अन्य पहल भारतनेट की पूरक हैं, जिनमें शामिल हैं:
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- प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा): ग्रामीण घरों में डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करने के लिए, 31 मार्च, 2024 तक 6.39 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाएगा ।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM): डिजिटल संचार अवसंरचना के विस्तार को तेज़ करने के लिए शुरू किया गया। राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 को 17 जनवरी, 2025 को लॉन्च किया गया। NBM के तहत प्रमुख पहलों में सेंट्रलाइज्ड राइट ऑफ़ वे (RoW) पोर्टल गतिशक्ति संचार शामिल है।
- प्रश्न: भारतनेट का वित्तपोषण कैसे किया जा रहा है?
उत्तर: भारतनेट को मुख्य रूप से डिजिटल भारत निधि (DBN) के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है , जो एक ऐसा फंड है जिसने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) की जगह ली है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत भारतनेट (चरण- I और चरण- II) के लिए कुल फंडिंग 42,068 करोड़ रुपये (जीएसटी, ऑक्ट्रोई और स्थानीय करों को छोड़कर) है। 31.12.2023 तक, भारतनेट परियोजना के तहत इसकी शुरुआत से अब तक कुल 39,825 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
- प्रश्न: भारतनेट परियोजना का क्रियान्वयन कौन कर रहा है?
उत्तर: इस परियोजना का क्रियान्वयन एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) अर्थात भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) द्वारा किया जा रहा है , जिसे 25.02.2012 को भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 के तहत शामिल किया गया था। संशोधित भारतनेट कार्यक्रम के तहत, बीएसएनएल को पूरे नेटवर्क के संचालन और रखरखाव के लिए एकल परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) के रूप में नियुक्त किया गया है ।
- प्रश्न: भारतनेट कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति क्या है?
ए:
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- 19 मार्च 2025 तक देश में भारतनेट परियोजना के अंतर्गत 2,18,347 ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार कर दिया गया है।
- 25 मार्च 2025 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की लंबाई बढ़कर 42.13 लाख रूट किमी हो गई है ।
- 13.01.2025 तक 6,92,676 किलोमीटर ओएफसी (ऑप्टिकल फाइबर केबल) बिछाई जा चुकी है।
- 12,21,014 फाइबर-टू-द-होम (FTTH) कनेक्शन चालू किए गए
- 1,04,574 वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए गए हैं ।
- प्रश्न: भारतनेट नेटवर्क का उपयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर: नेटवर्क का उपयोग बैंडविड्थ और डार्क फाइबर को पट्टे पर लेकर , सार्वजनिक स्थानों पर ब्रॉडबैंड या इंटरनेट सेवाओं तक पहुँचने के लिए वाई-फाई और फाइबर टू द होम (FTTH) के माध्यम से किया जाता है। लास्ट माइल कनेक्टिविटी (LMC) सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई या सरकारी संस्थानों जैसे स्कूल, अस्पताल, डाकघर आदि में FTTH सहित अन्य उपयुक्त ब्रॉडबैंड तकनीकों के माध्यम से प्रदान की जाती है।
- प्रश्न: भारतनेट परियोजना के लाभ और प्रभाव क्या हैं?
उत्तर: भारतनेट का ग्रामीण भारत पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है, तथा इसने कई तरीकों से सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है:
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- डिजिटल समावेशन: दूरदराज के गांवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना, ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन शिक्षा और टेलीमेडिसिन तक पहुंच को सक्षम बनाना।
- आर्थिक अवसर: डिजिटल वाणिज्य में भागीदारी को सक्षम बनाना, वित्तीय सेवाओं तक पहुंच और उद्यमशीलता के अवसर।
- शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल: डिजिटल कक्षाओं और टेलीहेल्थ सेवाओं की सुविधा प्रदान करना।
- स्थानीय शासन को सशक्त बनाना: ग्राम पंचायतों को ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को लागू करने में सक्षम बनाना।
- प्रश्न: भारतनेट में सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की क्या भूमिका है?
उत्तर: सीएससी (कॉमन सर्विसेज सेंटर) ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी-एसपीवी) को वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और एफटीटीएच कनेक्शन के माध्यम से ग्राम पंचायतों में अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करने का काम सौंपा गया था। सितंबर 2024 तक, ग्राम पंचायतों में 1,04,574 वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और 11,41,825 एफटीटीएच कनेक्शन स्थापित किए जा चुके हैं। सीएससी-एसपीवी ने ग्राम पंचायतों से ओवरहेड ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया।
- प्रश्न: डीबीएन और नाबार्ड के बीच क्या सहयोग है?
उत्तर: डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने भारतनेट कार्यक्रम के तहत डिजिटल सेवाओं, डिजिटल गवर्नेंस तक पहुँच प्रदान करके और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में संदर्भ डेटा साझा करना, डिजिटल सामग्री साझा करना, डिजिटल सेवाओं का एकीकरण, जागरूकता और क्षमता निर्माण, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और आईसीटी बुनियादी ढांचे को शामिल करना शामिल है।
- प्रश्न: भारतनेट ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी से कैसे संबंधित है?
उत्तर: भारतनेट के साथ-साथ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। दिसंबर 2024 तक, लगभग 6,25,853 गाँव मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं, जिनमें 6,18,968 गाँव 4G मोबाइल कवरेज वाले हैं । औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये प्रयास डिजिटल डिवाइड को पाटने में भारतनेट के पूरक हैं।
प्रतिक्रिया दें संदर्भ
https://x.com/PIB_India/status/1905232713227067857
https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2115831
https://usof.gov.in/en/ongoing-schemes
https://it.tn.gov.in/en/TACTV/भारतनेट
https://www.data.gov.in/keywords/भारतनेट
https://usof.gov.in/en/भारतनेट-प्रोजेक्ट
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2086701
https://sansad.in/getFile/laksabhaquestions/annex/1714/AU2874.pdf?source=pqals
https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2077908®=3&lang=1
https://sansad.in/getFile/annex/267/AU2155_28gbez.pdf?source=pqars
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संतोष कुमार | सरला मीना | चैतन्य मिश्रा