राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विजय दिवस के अवसर पर 1971 के युद्ध के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व किया, जिसे हर साल 16 दिसंबर को पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से, राष्ट्रपति ने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र उन बहादुरों के अंतिम बलिदान को याद करता है जिनकी कहानियाँ हर भारतीय को प्रेरित करती हैं, और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी हुई हैं।
सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता का सम्मान करते हुए उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने भी सैनिकों की वीरता और निस्वार्थ बलिदान को प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि देश सदैव उनकी सेवा का ऋणी रहेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हुए कहा कि उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने राष्ट्र की रक्षा की और गौरव बढ़ाया। उन्होंने इस दिन को उनकी असाधारण वीरता और अडिग भावना के लिए श्रद्धांजलि बताया।
सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सैनिकों के साहस और देशभक्ति ने यह सुनिश्चित किया कि देश सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि भारत उनके बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेगा।
इस दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह और उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने भी पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी।
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