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ट्रेन छूट जाने पर भी बर्बाद नहीं होता टिकट, क्या दूसरी ट्रेन में कर सकते हैं सफर? जानें रेलवे का नियम

Missed Train with a Confirm Ticket: हजारों लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास रिजर्वेशन या टिकट तो होता है, लेकिन किसी न किसी कारण से उनकी ट्रेन छूट जाती है. ऐसे में पैसेंजर्स मान लेते हैं कि टिकट बर्बाद हो गया. हालांकि, सच्चाई इससे अलग है

नई दिल्ली:

देश में अब भी सफर के लिए लोग पहले ट्रेन में सीट रिजर्व कराने की कोशिश करते हैं. यात्रा के दूसरे विकल्पों पर उसके बाद ही सोचते हैं. ऐसा कई बार टिकट न मिलने पर या कई बार ट्रेन छूट जाने पर मजबूरी में करना पड़ता है. भारतीय रेलवे रोजाना करोड़ों लोगों की यात्रा करने का जरिया है. इनमें से हजारों लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास रिजर्वेशन या टिकट तो होता है, लेकिन किसी न किसी कारण से उनकी ट्रेन छूट जाती है. ऐसे में पैसेंजर्स मान लेते हैं कि टिकट बर्बाद हो गया. हालांकि, सच्चाई इससे अलग है.

ट्रेन छूट जाना यात्रियों की सबसे बड़ी परेशानी

देश की लाइफलाइन भारतीय रेलवे सफर से पहले, सफर के दौरान और सफर पूरा होने के बाद आम यात्रियों को होने वाली मुश्किलों के बारे में तसल्ली से विचार कर नियमों को बनाती और लागू करती है. यात्रियों का ट्रेन छूट जाना उनकी सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है. ऐसी मुश्किल घड़ी में यात्रियों के मन में पहले टिकट रिफंड का ख्याल आता है. इसके बाद वह सोचता है कि क्या इसी टिकट पर दूसरी ट्रेन में यात्रा किया जा सकता है या नहीं? आइए, जानते हैं कि इस बारे में रेलवे का क्या नियम है?

छूटी तो कौन से टिकट पर दूसरी ट्रेन में कर सकते हैं यात्रा?

भारतीय रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर किसी यात्री के पास जनरल कोच का टिकट है तो वह बिना किसी दिक्कत के उसी कैटेगरी की दूसरी ट्रेन से सफर कर सकता है. दूसरी कैटेगरी की ट्रेन में सफर करने पर यात्री को जुर्माना देना पड़ सकता है. क्योंकि, पैसेंजर, मेल-एक्सप्रेस, सुपरफास्ट,  राजधानी एक्सप्रेस और वंदेभारत जैसे प्रीमियम ट्रेन की कैटेगरी और उसके टिकट की कीमत अलग-अलग होती है. ऐसी कई ट्रेन में तो जनरल टिकट की इजाजत ही नहीं होती है.

रिजर्वेशन वाला कंफर्म टिकट है तो ट्रेन छूटने पर क्या करें?

वहीं, अगर किसी यात्री के पास रिजर्वेशन वाला टिकट है तो ट्रेन छूटने पर वह उस टिकट से दूसरी ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकता है. दूसरी ट्रेन में यात्रा करने के दौरान पकड़े जाने पर टीटीई यात्री को बेटिकट मानता है. साथ ही, नियम के मुताबिक, उससे जुर्माना वसूल सकता है. जुर्माना नहीं चुकाने पर आगे की कानूनी कार्रवाई और जेल भी हो सकती है. इसलिए रिजर्वेशन वाली टिकट होने की स्थिति में ट्रेन छूटने पर रिफंड के लिए अप्लाई करना चाहिए और दूसरी ट्रेन में सफर के लिए उचित टिकट जरूर लेना चाहिए.

ऑफलाइन और ऑनलाइन टीडीआर कैसे फाइल करें? क्या है तरीका

ट्रेन छूटने पर काउंटर से करवाए गए रिजर्वेशन टिकट को काउंटर पर ही जाकर टीडीआर (TDR Filing Rules) फॉर्म में सही कारण भर कर जमा करवाना पड़ता है. वहीं, ई-टिकट के लिए आईआरसीटीसी की साइट या ऐप पर लॉग इन कर टीडीआर फाइल करना पड़ता है. इसके लिए लॉग इन के बाद ट्रेन के ऑप्शन पर क्लिक करना होता है. उसके बाद फाइल टीडीआर ऑप्शन पर क्लिक कर फाइल टीडीआर का ऑप्शन क्लिक करना पड़ता है. फिर टिकट दिखने के बाद उसे टिक करने के साथ ही फाइल टीडीआर पर क्लिक करना होता है. इसके बाद कारण चुनते ही टीडीआर फाइल (TDR Filing Online)हो जाता है. इसके बाद अधिकतम 60 दिनों में  रिफंड का पैसा पेमेंट करने वाले अकाउंट या वॉलेट में आ जाता है.

रिजर्वेशन टिकट कैंसिलेशन और रिफंड को लेकर क्या नियम हैं?

इंडियन रेलवे के नियमों के मुताबिक, तत्काल सुविधा में कटवाया टिकट कैंसल करवाने पर कोई रिफंड नहीं मिलता. वहीं, ट्रेन के शेड्यूल्ड डिपार्चर टाइम से 48 घंटे के अंदर और 12 घंटे पहले तक कंफर्म टिकट को कैंसिल कराते हैं तो कुल रकम का 25 फीसदी तक काटा जा सकता है. शेड्यूल डिपार्चर टाइम से 12 से 4 घंटे पहले के बीच में टिकट कैंसिल कराते हैं तो 50 फीसदी रकम कट जाएगा.

वेटिंग लिस्ट और आरएसी टिकट को ट्रेन के शेड्यूल्ड डिपार्चर टाइम से 30 मिनट पहले तक कैंसिल कराने पर ही रिफंड मिलता. हालांकि, ये सभी सुविधा ट्रेन खुलने के पहले मिलती है, ट्रेन छूटने के बाद तो टीडीआर ही इकलौता उपाय है.

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