नौकरी के बदले जमीन घोटाले (लैंड फॉर जॉब) में गृह मंत्रालय ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है. इसी के साथ लालू यादव की मुसीबतें फिर से बढ़ गई. सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मांगी थी. इससे पहले दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था. जिसमें उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है.
इस मामले में कोर्ट ने क्या माना
ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है. समन जारी कर लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है. लैंड फॉर जॉब मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप मे लालू और तेजस्वी, तेजप्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. लैंड फॉर जंब मामले में पहली बार तेजप्रताप यादव को पहली बार समन भेजा जा चुका है. कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ, इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया.
कोर्ट ने माना कि मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ, इसके साथ ही यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया.
इस मामले में हुआ जमीन का ट्रांसफर
इसस पहले मामले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि यादव परिवार के नाम पर ज़मीन का ट्रांसफर हुई. कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव मनी लांड्रिंग में शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर की. जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई, इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि AK इंफोसिस्टम द्वारा राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में ज़मीन ट्रांसफर की गई.