पीएम नरेंद्र मोदी 14 सितंबर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू कर सकते हैं. माना जा रहा है कि वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अपनी पहली चुनावी रैली करेंगे.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा विधानसभा चुनावों के चलते 5 रैलियां कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी 14 सितंबर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू कर सकते हैं. माना जा रहा है कि वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अपनी पहली चुनावी रैली करेंगे.
14 सितंबर से चुनावी अभियान में जुट सकते हैं पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी अभियान की शुरूआत 14 सितंबर से हो सकती है. बीजेपी 10 साल सत्ता में रहने के बाद तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि पीएम मोदी के मैदान में उतरने से उनका चुनावी अभियान पूरा होगा.
कुरुक्षेत्र से ही क्यों चुनावी रैली की शुरुआत कर रहे हैं पीएम मोदी
- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कुल 4 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें शाहबाद, थानेसर, लाडवा और पेहोवा सीटें शामिल हैं.
- बीजेपी ने शाहबाद से सुभाष कलसाना, थानेसर से सुभाष सुधा, पेहोवा से सरदार कमलजीत सिंह अजरणा और लाडवा से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को टिकट दिया है.
- ऐसे में हो सकता है कि पीएम मोदी पहली चुनावी रैली कुरुक्षेत्र के लाडवा से ही संबोधित करें ौर चुनावी रैलियों की शुरुआत करें.
- बता दें कि कुरुक्षेत्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि यह वही जगह है जहां श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. ऐसे में चुनावी रैलियों की शुरुआत के लिए कुरुक्षेत्र को ही चुनने के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है.
बीजेपी की 10 साल की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने फैसला किया है कि पिछले 10 साल की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताया जा रहे और साथ ही कांग्रेस और भ्रष्टाचार पर भी बीजेपी बात करेगी. साथ ही महिलाओं के लिए योचनाओं के ऐलान किए जाने को लेकर भी पीएम मोदी बात करेंगे. चुनावी घोषणापत्र के जरिए जो वादे किए जा रहे हैं उनपर बीजेपी खरा भी उतरेगी.
चुनावी घोषणापत्र के बारे में भी की जाएगी बात
चुनावी घोषणापत्र के जरिए जो वादे बीजेपी कर रही है, उनके बारे में भी चुनावी अभियान के दौरान बताया जाएगा. एनडीए को लोकसभा में पहले जैसे नतीजे नहीं मिले थे और इस वजह से बीजेपी विधानसभा चुनावों में अधिक सक्रिय हो गई है. बीजेपी ने बड़ी संख्या में जाटों को मैदान में उतारा है और साथ ही दलितों को भी मैदान में उतारा है. इसके अलावा बीजेपी के पास ओबीसी का भी वोट है. अगर वोटों का बिखराव होता है तो पार्टी को उम्मीद है कि उसे इसमें जरूर सफलता हासिल होगी.