भूकंप का केंद्र कामपुर टाउन से करीब 5 किलोमीटर दूर था. अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
असम में अब तक की सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप 15 अगस्त 1950 को आया था. जब भारत अपनी स्वतंत्रता की तीसरी वर्षगांठ मना रहा था, उसी समय सुदूर पूर्वोत्तर राज्य असम और उसके आसपास के सीमावर्ती इलाकों में 8.6 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि नदियों ने अपने तटबंध तोड़ दिए और लैंडस्लाइड ने हिमालय की घाटियों को ब्लॉक कर दिया. इससे शहर, गांव, सड़कें, खेत और चाय के बागान बर्बाद हो गए.
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है.