सीबीआई की एक टीम ने इस मामले में बयान दर्ज किए हैं. उस रात वहां मौजूद इंटर्न डॉक्टरों, नर्सों और अन्य लोगों से बात की है. बता दें सीबीआई ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर कोलकाता पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में ली है.
कोलकाता:
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर कॉलेज परिसर में हुई तोड़फोड़ के मामले पर सुनवाई की और इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सख्त लहजे में कहा कि ये घटना स्थानीय प्रशासन की विफलता को दर्शाता है. कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले को कोर्ट ने अस्पताल में तोड़फोड़ से जुड़े एक ईमेल मिलने के बाद लिया है. यह पूरी तरह राज्य मशीनरी की नाकामी है. इस दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि घटना के समय वहां पुलिस मौजूद थी. इसपर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे अपने लोगों की सुरक्षा नहीं कर सके? यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति. ये डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे? मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि आप घटना के बाद उपाय कर रहे हैं?
19 आरोपियों को किया गिरफ्तार
दूसरी ओर कोलकाता पुलिस ने आज कहा कि उसने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा के मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को शहर की एक अदालत ने 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अज्ञात बदमाशों ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में घुसकर उसके कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की. इसी अस्पताल में पिछले सप्ताह महिला चिकित्सक का शव मिला था.
अस्पताल में चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ की गई. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे.
परास्नातक प्रशिक्षु के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही. प्रदर्शन कर रहे चिकित्सक दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने और कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.